Barabanki/Kaushambi: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे चरण के दिन 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाराबंकी और कौशांबी में चुनाव प्रचार करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश के विकास में परिवारवादी पार्टियों ने बहुत अड़चन पहुंचाई. मगर भाजपा की डबल इंजन की सरकार में देश और प्रदेश का चौतरफा विकास किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से विकास के लिए सबका एकजुट होकर मतदान करना बहुत जरूरी है. आज गरीबों को फ्री राशन मिल रहा है. यह सिर्फ डबल इंजन की सरकार के बस की ही बात है.
भाजपा की संस्कृति रही है कि अगर किसानों की कोई समस्या हो तो उसका स्थायी समाधान निकाला जाए। लेकिन सपा, बसपा ने तो चीनी मिलें ही बंद करा दी ताकि गन्ना किसान यह न कह सके कि उसकी फसल नहीं बिक रही: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi#मेरा_वोट_बीजेपी_को#BJPwinningUP pic.twitter.com/PHecWvgILm
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) February 23, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा की संस्कृति रही है कि अगर किसानों की कोई समस्या हो तो उसका स्थायी समाधान निकाला जाए. लेकिन सपा, बसपा ने तो चीनी मिलें ही बंद करा दी ताकि गन्ना किसान यह न कह सके कि उसकी फसल नहीं बिक रही: घोर परिवारवादी इसलिए बौखलाए हुए हैं कि अगर गरीब को घर मिल गया, बिजली, पानी और सड़क मिल गई तो उनके घर के चक्कर कौन लगाएगा. उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान हो रहा है. यूपी की जनता भाजपा और NDA की जीत का चौका मारने के लिए आगे बढ़ रही है. जो लोग सोचते हैं कि यूपी के लोग बंट जाएंगे. उन्हें जवाब देने के लिए यूपी के लोग आज फिर पोलिंग बूथ पर लंबी-लंबी कतार लगाकर खड़े हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार, छोटे किसानों की जरूरतों, उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भी काम कर रही है. हमारे ये किसान साथी, फल-सब्ज़ी उगाते हैं, पशुपालन का काम करते हैं. पीएम किसान सम्मान निधि से ऐसे करोड़ों छोटे किसानों की मदद हो रही है.’ उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार आपको बड़े सपने देखने का और उन्हें पूरा करने का प्रोत्साहन दे रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस ऐसा ही एक प्रयास है. ये एक्सप्रेस-वे पूरे क्षेत्र में रोजगार, व्यापार, कारोबार को गति देने वाला है.
उन्होंने कहा कि 2017 से पहले के डेढ़ दशकों में आपने देखा है कि इन लोगों ने बारी-बारी से सत्ताभोग किया, लेकिन विकास को भी जाति और पंथ के दायरों में समेट दिया. हर सुविधा में ये लोग भेदभाव करते थे, पक्षपात करते थे. 6-7 साल पहले हमारे देश में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या सिर्फ 1.10 लाख थी. अब महिला पुलिसकर्मियों की संख्या सवा 2 लाख से भी ऊपर पहुंच चुकी है.