‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ के आसरे यूपी में किला फतह करने की तैयारी में कांग्रेस, चुनाव से पहले बनाई खास रणनीति!
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने 2018 के चुनाव में 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 90 में से 68 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस की इस जीत के बाद देश की राजनीति में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा शुरू होने लगी थी.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस पार्टी ने रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक यूपी फतह करने के लिए कांग्रेस ने जहां एक ओर 40% सीटों पर महिलाओं को टिकट देने का ऐलान किया है. वहीं पार्टी यूपी में ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ के आसरे जीत की रणनीति बनाने में जुट गई है.
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी देने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया को कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया है. यूपी चुनाव में छत्तीसगढ़ की राजनीति से जुड़े इन दो नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के बाद सियासी हलकों में चर्चा शुरू गई है.
क्या है कांग्रेस का छत्तीसगढ़ मॉडल?– छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने 2018 के चुनाव में 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 90 में से 68 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस की इस जीत के बाद देश की राजनीति में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा शुरू होने लगी थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने चुनावी रणनीति के तहत छत्तीसगढ़ में माइक्रो बूथ मैनेजमेंट पर जोड़ दिया था.
इतना ही नहीं, बड़े मुद्दों को ज्यादा तरजीह देने की बजाय कांग्रेस ने स्थानीय और छोटे-छोटे मुद्दों को चुनाव में उठाया था. इसका सीधा लाभ चुनाव के दौरान पार्टी को मिला. बताया जा रहा है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ के तर्ज पर भी यूपी में माइक्रो लेवल पर बूथ मजबूत करने में जुट गई है. इसी रणनीति के तहत पिछले दिनों प्रियंका गांधी ललितपुर दौरे पर गईं.
फर्स्ट राउंड की हो चुकी है ट्रेनिंग– बता दें कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल पर मजबूत करने के लिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ की तरह यूपी में भी शिविर लगा रही है. पिछले दिनों फर्स्ट राउंड की ट्रेनिंग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को दिया गया. इस ट्रेनिंग को देने के लिए छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और उनकी टीम आई थी.
यूपी कांग्रेस ने इस ट्रेनिंग का नाम प्रशिक्षण से पराक्रम रखा था. यह फर्स्ट राउंड में 100 दिनों के भीतर करीब 2 लाख कार्यकर्ताओं को ट्रेन किया गया है. बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं को अभी दो राउंड की ट्रेनिंग और मिलेगी. हालांकि इससे पहले पार्टी के दिग्गज नेता ग्राउंड पर जाकर फीडबैक लेने का काम करेंगे.
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