Saiyadraja Constituency Result: पहली बार में MLA बनने से चूके सुशील सिंह की किस्मत दांव पर, मतगणना जारी
चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा से सपा प्रत्याशी सुशील सिंह की राजनीतिक किस्मत का फैसला होना है. सुशील सिंह सैयदराजा विधानसभा में ही नहीं बल्कि चंदौली जिले के एक चर्चित विधायक हैं.
Saiyadraja Constituency Result 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आज यानी 10 मार्च को सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है. चुनाव परिणाम के साथ ही चंदौली जिले की सैयदराजा विधानसभा से सपा प्रत्याशी सुशील सिंह की राजनीतिक किस्मत का फैसला होना है. सुशील सिंह सैयदराजा विधानसभा में ही नहीं बल्कि चंदौली जिले के एक चर्चित विधायक हैं.
निर्दलीय चुनाव लड़कर दर्ज की जीत
सुशील सिंह बसपा के टिकट पर धानापुर विधानसभा से 2002 में पहली बार चुनाव लड़े. इस चुनाव में उन्हें महज 26 मतों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2012 में सुशील सिंह सकलडीहा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने.
पिता को देखकर समझे राजनीति का गणित
विधायक सुशील सिंह के परिवार में राजनीतिक की शुरूआत उनके पिता उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह ने 1995 में की थी. उदयनाथ सिंह सबसे पहले 1995 में जिला पंचायत सदस्य बने. यहीं से वह राजनीति में सक्रिय होते चले गए, और यहीं से सुशील सिंह भी पिता के साथ राजनीति सीखते चले गए. और 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने का फैसला लिया. बसपा के टिकट पर धानापुर विधानसभा सीट से वह चुनाव लड़े और बहुत कम अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
2007 से शुरू हुआ जीत का सफर
सुशील सिंह ने हार के बाद भी जनता के सुख दुख में शामिल होनी नहीं छोड़ा और जनता के दुख दर्द में उनके साथ रहे, जिसका नतीजा यह हुआ कि 2007 के चुनाव में उन्हें जनता ने भारी बहुमत से जीत दिलाई और यहीं से सुशील सिंह की राजनीतिक जीत का सिलसिला शुरू हुआ. 2012 में सुशील सिंह सकलडीहा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने. 2017 में सुशील सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार को 34,037 मतों से हराया था.
सुशील सिंह के पिता रहे हैं एमएलसी
सुशील सिंह के पिता उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह 1995 में जिला पंचायत के सदस्य बने. चुलबुल सिंह जिला पंचायत उपाध्यक्ष और अध्यक्ष बनने के बाद विधान परिषद के सदस्य बने. वह दो बार चंदौली-भदोही और वाराणसी से विधान परिषद के सदस्य रहे. सुशील सिंह की चाची अन्नपूर्णा सिंह और उसके बाद उनके चाचा बृजेश सिंह विधान परिषद के सदस्य बने.