Good News: UP की 58,189 ग्राम पंचायतों में बारात घर और अंत्येष्टि स्थल बनाने की योगी सरकार कर रही तैयारी

प्रत्येक बारात घर की लागत 30 लाख रुपये और अंत्येष्टि स्थल की लागत 24 लाख 36 हजार रुपये आंकलित की गई है. इस तरह 58,189 ग्राम पंचायतों में बारात घर बनाने में 17,456.70 करोड़ और अंत्येष्टि स्थल बनाने में 14174.84 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2022 5:34 PM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर उत्तर प्रदेश की सभी 58,189 ग्राम पंचायतों में बारात घर और अंत्येष्टि स्थल बनाने की तैयारी की जा रही है. इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसका प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेज दिया गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रत्येक बारात घर की लागत 30 लाख रुपये और अंत्येष्टि स्थल की लागत 24 लाख 36 हजार रुपये आंकलित की गई है. इस तरह 58,189 ग्राम पंचायतों में बारात घर बनाने में 17,456.70 करोड़ और अंत्येष्टि स्थल बनाने में 14174.84 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि बारात घर और अंत्येष्टि स्थल तक सुगमता से पहुंचने के लिए मार्ग बनाने की भी व्यवस्था की जाएगी. वहां पर सामुदायिक शौचालय बनवाने और प्रकाश की भी व्यवस्था करने की योजना बनाई गई है. सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा.

जनप्रतिनिधी कर रहे थे मांग 

इस फैसले के पीछे का कारण बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जिलों और विभिन्न क्षेत्रों के उनके भ्रमण के दौरान आम जनता और जनप्रतिनिधियों की ओर से बारात घर और अंत्येष्टि स्थल बनवाने की मांग की जाती है. इस तरह के सुझाव भी दिए जाते हैं. इसकी जरूरत को देखते हुए यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. वर्तमान समय में भी ग्रामीण जनता की वास्तविक आवश्यकता भी यही है क्योंकि पहले जिन घरों के सामने काफी जगह पड़ी रहती थी, वहां बारातों के ठहरने की व्‍यवस्‍था की जाती थी.

अब खुले स्‍थानों की हो गई है कमी

ग्रामीण संस्कृति से जुड़े विभिन्न परम्परागत कार्यक्रम आसानी से होते रहते थे. बढ़ती आबादी के चलते अब ऐसी जगहें कम हो गई हैं. परिणाम स्वरूप गांवों में अब खुले स्थानों की अपेक्षाकृत कमी हुई है. आम लोगों के लिए विभिन्न आयोजनों के लिए कवर्ड एरिया भी बहुत ही कम है. प्राइमरी स्कूलों में भी बारातों आदि के ठहराने पर रोक भी लाजिमी है क्योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसे में गांवों में बारात घरों का निर्माण किया जाना आज की जरूरत है.

Posted By : Neeraj Tiwari

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