UP Election 2022: जाट बनाम गैरजाट की ओर बढ़ता चुनाव, क्या जातीय समीकरणों पर हावी होंगे मुद्दे?
2017 के रण में जिस तरह इन क्षेत्रों में बीजपी को समर्थन मिला था, वह जातीय से इतर मुद्दों को लेकर था. राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यूपी के चुनाव में इस बार भी जातीय फॉर्मूले को कम स्थान मिल रहा है. ऐसे में क्या यह सवाल उठता है कि मुद्दे हावी हैं.
Lucknow News: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के रण में 58 निर्वाचन क्षेत्रों में से 9 वीआईपी सीट और 4 बाहुबलियों की सीट को लेकर कई तरह के समीकरण बन रहे हैं. 2017 के रण में जिस तरह इन क्षेत्रों में बीजपी को समर्थन मिला था, वह जातीय से इतर मुद्दों को लेकर था. राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यूपी के चुनाव में इस बार भी जातीय फॉर्मूले को कम स्थान मिल रहा है. ऐसे में क्या यह सवाल उठता है कि मुद्दे हावी हैं.
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बदल चुके हैं हालात!
यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में करीब गैरजाटव बनाम जाट सहित साइलेंट वोटर्स को लेकर कई तरह के समीकरण बन रहे हैं. हर चुनाव में लास्ट में गेमचेंजर की भूमिका निभाने वाले साइलेंट वोटर्स तो कई बार चुनाव के परिणाम ही पलट देते हैं. खैर, पहले चरण में जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है वहां जाट, सैनी, गैरजाटव, ब्राह्मण, कुर्मी, दलित और मुस्लिम वोटर्स की अधिकता है. यूपी की राजनीति को कवर करते आ रहे वरिष्ठ पत्रकार हेमंत पांडेय कहते हैं कि प्रदेश में हमेशा ही जातीय मुद्दों ने हर तरह के भौतिक मुद्दों को पीछे छोड़ने में अहम भूमिका निभाई है. उनका कहना है कि इस बार जातीय हस्तक्षेप के आसार फीके पड़ सकते हैं. मुद्दों की राजनीति हावी हो सकती है. जातीय समीकरण पर टिप्पणी करे हुए वे कहते हैं कि जातीय समीकरण हर बार नेताओं की जाति और पार्टी के आधार पर तय मान लिए जाते हैं. मगर यूपी में साल 2022 में काफी कुछ बदल चुका है. बसपा का वोट काटने के लिए सभी दलों में होड़ मची है. दलित और मुस्लिम कई खेमों में बंट चुके हैं. ऐसे में इनके सामूहिक वोट से जो प्रभाव पड़ सकता था, वह नहीं पड़ा है.
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समीकरण जो करेंगे प्रभावित
उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इस दौरान पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा. इन सीटों पर कुल 623 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा शामिल हैं. बड़ी बात ये है कि इन विधानसभा क्षेत्रों में जातीगत समीकरण काफी अलग हैं. कहीं जाटों का बोलबाला है तो कहीं दलितों का वोट भारी है. पहले चरण में ब्राह्मण वोटबैंक भी काफी प्रभावित करने वाली स्थिति में है. हालांकि, मैदान में सपा और कांग्रेस के आमने-सामने आ जाने के चलते वोटर्स के बीच में मतभेद की स्थिति हो सकती थी. मगर कांग्रेस की ओर से चला गया महिला प्रत्याशियों को वरीयता देने का दांव भाजपा की राह को कुछ आसान करता बताया जा रहा है. वहीं, मुस्लिम वोटर्स का सपा और रालोद के गठबंधन पर झुकाव है. हालांकि, कुछ बागी प्रत्याशी इनके लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं. ऐसे में वोटर्स की जातिगत समीकरण से कहीं ज्यादा इस बार जमीनी मुद्दों का आंकलन पूरे चुनाव को प्रभावित करता हुआ नजर आ रहा है.
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इन विधानसभा सीट पर है नजर
इसके तहत नोएडा, दादरी, जेवर, सिंकदराबाद, बुलंदशहर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ, छपरौली, बरौत, बागपत, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदी नगर, दौलाना, हापुड़, कैराना, थाना भवन, शामली, बुढ़ाना, छरतावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, सिवालखास, सरधना, हस्तीनापुर, किठौर, गढ़मुक्तेश्वर, सयाना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा, खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास, छाता, मंत, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव, एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा रूरल, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और बाह विधानसभा सीट पर चुनावी ताल ठोकी जा रही है.
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बड़ी बात तो यह है इस पहले चरण में 58 में से 7 सीट हॉट सीट में गिनी जा रही हैं. इनमें शामिल हैं कैराना, बागपत, सरधना, हस्तिनापुर, लोनी, साहिबाबाद और नोएडा विधानसभा सीट. पहले चरण में 9 VIP प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. कैराना से बीजेपी से मृगांका सिंह, थानाभववन से बीजेपी से सुरेश राणा, सरधना से बीजेपी के संगीत सोम, नोएडा से बीजेपी से पंकज सिंह, नोएडा से ही कांग्रेस की पंखुड़ी पाठक, जेवर से आरएलडी के टिकट पर अवतार सिंह भड़ाना, अतरौली से बीजेपी के संदीप सिंह, मथुरा से भाजपा के टिकट पर श्रीकांत शर्मा और आगरा रूरल से भाजपा के कमल निशान पर बेबी रानी मौर्या चुनाव लड़ रही हैं. वहीं बाहुबलियों की बात की जाए तो लोनी विधानसभा क्षेत्र से रालोद के टिकट पर मदन भैया, साहिबाबाद से सपा के टिकट पर अमरपाल शर्मा, कैराना से सपा उम्मीदवार नाहिद हसन और हस्तिनापुर से साइकिल निशान पर योगेश वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में यह चुनाव काफी रोचक हो गया है.