UP Chunav 2022: यादव, सैनी, कुर्मी और लोध वोटर्स हैं तीसरे चरण में ‘गेमचेंजर’, सपा-भाजपा की कड़ी परीक्षा

यादव, लोधी और सैनी समाज के मतदाताओं के हाथों में जीत की कमान होगी. यही कारण है कि प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की ओर से जीत सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 17, 2022 5:32 PM

3rd Charan UP Chunav: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दो चरणों का मतदान हो चुका है. अब सबकी नजर 20 फरवरी को होने वाले तीसरे चरण के मतदान पर है. इस बार गेमचेंजर की भूमिका में ओबीसी वर्ग है. यादव, लोधी और सैनी समाज के मतदाताओं के हाथों में जीत की कमान होगी. यही कारण है कि प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की ओर से जीत सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. खास बात यह है कि फिलहाल इन 55 सीट पर सपा और भाजपा में ही कांटे की टक्कर बताई जा रही है.

2017 में सपा को करना पड़ा था 9 सीट से संतोष

यूपी के तीसरे चरण में जिन 59 सीट पर मतदान होगा वहां साल 2017 में बीजेपी 49 सीट पर जीत हासिल की थी. आंकड़े बताते हैं कि तीन दशक में सपा के इस गढ़ में यह सबसे बड़ी सेंध थी. अपनी उसी जीत को बरकरार रखने के लिए भाजपा इस बार पुरजोर प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ सहित पार्टी के सभी बड़े चेहरों ने इन विधानसभा क्षेत्रों में सिलसिलेवार चुनाव प्रचार करने का जिम्मा उठा रखा है. वहीं, इन 59 विधानसभा सीट पर सपा को मात्र 9 सीट मिली थी. बसपा शूण्य पर सिट गई थी. कांग्रेस के खाते में मात्र 1 सीट नसीब हुई थी. बड़ी बात तो यह है कि यह पूरा बेल्ट यादव बहुल है.

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2022 में बदल चुके हैं सपा के हालात

हालांकि, साल 2017 के मुकाबले इस बार सपा की दशा बहुत बदल चुकी है. सूबे के सबसे बड़े सियासी परिवार में विघटन के चलते पिछली बार के विधानसभा चुनाव में यादव बहुल क्षेत्र में भी समाजवादी पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा था. इससे इतर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में चाचा शिवपाल यादव के साथ आने और सपा की रैलियों में उमड़ती भीड़ को देखते हुए इन आंकड़ों में बदलाव का संकेत दिख रहा है. हालांकि, यह प्रभाव कितना प्रभावकारी होगा, यह तो 10 मार्च के बाद होने वाले परिणामों की घोषणा में ही पता चलेगा.

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2012 में सपा ने 59 में से जीती थीं 37 सीट

अब यदि बात करें साल 2012 के चुनाव परिणामों की तो इन विधानसभा सीटों पर सपा को सफलता मिली थी. 59 में से 37 सीट जीतने के साथ ही सपा की सरकार में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे. फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, एटा और कासगंज, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, झांसी, हमीरपुर, कानपुर देहात और ललितपुर जिले को भले ही यादव बेल्ट कहा जाता है, लेकिन शाक्य, कुर्मी और लोध वोटर भी यहां गेमचेंजर की भूमिका में रहते हैं. बीजेपी ने इस समीकरण को साधते हुए अपनी सहयोगी राजनीतिक पार्टी अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को यहां चुनाव प्रचार का जिम्मा दिया है. तीसरे चरण की चार सीट पर अपना दल (एस) चुनाव भी लड़ रही है. यानी भाजपा को 55 सीट पर जीत दर्ज करनी है.

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3rd Charan: अवध, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव

तीसरे चरण में प्रदेश के तीन हिस्सों अवध, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव होने हैं. तीसरे चरण में पश्चिमी यूपी के पांच जिले मैनपुरी, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद और हाथरस शामिल हैं. यहां पर 19 विधानसभा सीटें हैं. अवध क्षेत्र में कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा के 6 जिले हैं. इन 6 जिलों में 27 विधानसभा सीटें हैं. बुंदेलखंड इलाके में झांसी, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर और जालौन जिले में भी मतदान होना है. बुंदलेखंड के पांचों जिलों में 13 विधानसभा सीट हैं.

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3rd Charan: 16 जिलों की 59 विधानसभा सीट पर होगी वोटिंग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में दो चरणों के मतदान के बाद अब तीसरे चरण की तैयारी शुरू हो गई है. तीसरे चरण के 16 जिलों हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर व महोबा की 59 विधानसभा सीटों पर वोटिंग 20 फरवरी को होगी.

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