UP Election 2022: 1993 से लगातार विधायक रहे राजा भैया के लिए बड़ा अलग है ये चुनाव, रोचक है राजनीतिक करियर

पूर्व मंत्री और कुंडा के मौजूदा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने शनिवार को बसंत पंचमी के दिन अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन से पहले उन्होंने हनुमानजी का आशीर्वाद लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2022 5:19 PM
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Lucknow News: यूपी की चर्चित कुंडा विधानसभा सीट से एक बार फिर राजा भैया ने नामांकन कर दिया है. साल 2022 के इस चुनावी मैदान में राजा भैया के लिए काफी कुछ बदल चुका है. एक समय में सपा के सबसे बड़े खेवनहार माने जाने वाले राजा भैया को इस बार सपा की ओर से ही चुनौती दी गई है.

सपा प्रत्याशी गुलशन यादव का आरोप…

दरअसल समाजवादी पार्टी के नेता और कुंडा विधानसभा से प्रत्‍याशी गुलशन यादव ने ट्वीट किया, ‘मैं गुलशन यादव विधानसभा कुण्डा से सपा प्रत्याशी हूं, मेरी पत्नी सीमा यादव वर्तमान में चेयरमैन हैं, चुनाव में हार के डर से कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह मेरी हत्या की साजिश रच रहें हैं, कभी भी मेरे साथ अप्रिय घटना हो सकती है.’

1993 से लगातार हैं विधायक

बता दें कि पूर्व मंत्री और कुंडा के मौजूदा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने शनिवार को बसंत पंचमी के दिन अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन से पहले उन्होंने हनुमानजी का आशीर्वाद लिया. वे साल 1993 से कुंडा सीट से ही लगातार विधायक रहे हैं. बड़ी बात तो यह है कि उन्होंने हमेशा निर्दलीय चुनाव लड़ा है. हालांकि, यह पहला मौका है जब वे अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी पार्टी का चुनाव निशान आरी है.

मुकदमों और प्रॉपर्टी के बारे में जानें

नॉमिनेशन के वक्त दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक, राजा भइया के पास 2007 में 2 करोड़ की संपत्ति थी. जो 2012 में बढ़कर 7 करोड़ हो गई. 2017 में उनके पास 14 करोड़ की संपत्ति थी. 2007 में राजा के ऊपर 4 मुकदमे दर्ज थे, जो 2012 में बढ़कर 8 हो गए थे. वहीं, 2017 में उनके ऊपर दर्ज केसों की संख्या घटकर एक रह गई थी. उनके पास 1 रिवाल्वर और 1 बंदूक है. वहीं, उनकी पत्नी के पास एक राइफल, एक रिवॉल्वर और एक बंदूक है.

पहली बार सपा ने दी चुनौती

इस बार के चुनाव में एक और बात रोचक है कि हर बार विधानसभा चुनाव में सपा उन्हें पूरा समर्थन करती थी. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी कभी भी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं करती थी. मगर इस साल उन्हें सपा की ओर से ही चुनौती दी गई है. सपा ने उनके खिलाफ राजा भैया के पुराने करीबी रहे गुलशन यादव को टिकट दिया है.

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