24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी चुनाव परिणाम तय करेंगे बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य, योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की साख दांव पर

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए भी 2022 विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. वह 2017 की तरह ही 2022 में पूरी तरह से अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रहे हैं. पिता मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूप में यह चुनाव उनके रणनीतिक कौशल का गवाह बनेगा.

UP Chunav Result 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का रिजल्ट कई बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य तय करेगा. बीजेपी ने इस बार योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में सामने रखकर चुनाव लड़ा है. इसलिए उनकी प्रतिष्ठा पूरी तरह से दांव पर है. 2017 में बीजेपी ने सीएम का कोई चेहरा सामने नहीं रखा था.

अखिलेश यादव क्या पिता की तरह सत्ता पर होंगे काबिज?

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लिए भी 2022 विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. वह 2017 की तरह ही 2022 में पूरी तरह से अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रहे हैं. पिता मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूप में यह चुनाव उनके रणनीतिक कौशल का गवाह बनेगा. यदि वह इसमें जीत हासिल करते हैं तो एक नया इतिहास रचेंगे. वह ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो पिता की तरह ही दोबारा प्रदेश के मुखिया बनेंगे.

जाटों ने जयंत को चौधरी की उपाधि दी

इसी तरह चौधरी अजित सिंह की मृत्यु के बाद जयंत चौधरी भी राष्ट्रीय लोकदल को फिर से खड़ा करने की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस लड़ाई में उन्होंने अखिलेश यादव को साथ लिया है. इसलिए 2022 विधानसभा चुनाव जयंत चौधरी को भी राजनीति स्थापित करेगा. खासतौर में पश्चिम उत्तर प्रदेश की जाट राजनीति में उनका क्या भविष्य होगा, यह भी इस चुनाव के परिणाम तय करेंगे. वैसे पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटों ने जयंत को चौधरी की उपाधि दे दी है.

अखिलेश ने मोदी, योगी, शाह का अकेले किया सामना

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव उनके राजनीतिक कैरियर को एक अलग ही दिशा देंगे. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी, योगी आदित्यनाथ, अनुराग ठाकुर सहित बीजेपी की पूरी ब्रिगेड से अखिलेश यादव ने अकेले मोर्चा लिया है. उन्होंने करहल और जौनपुर में पिता मुलायम सिंह यादव की सभा की थी. वहीं वाराणसी में ममता बनर्जी, जया बच्चन, राम गोपाल यादव, शिवपाल सिंह यादव सहित गठबंधन के नेताओं को चुनावी रण में उतारा था.

चुनाव प्रचार में छाने वाले मुद्दे

बीजेपी ने पहले चरण के मतदान से ही अपने सभी दांव-पेंच शुरू कर दिए थे.पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी चरणों में हिंदू-मुस्लिम के बीच दीवार खड़ी करने का प्रयास, मुजफ्फरनगर दंगे की याद दिलाना, पलायन के मुद्दे को फिर से उभारने की कोशिश बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने की. अब मतगणना में देखने को मिलेगा कि बीजेपी अपने प्रयास में कितनी सफल हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें