UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि भाजपा राज में किसान और बुनकर तबाह हैं. पहले किसानों के मान को गिराना फिर नाम भर के लिए दाम बढ़ा देना, भाजपा का ये चुनावी हथकंडा अब उत्तर प्रदेश में चलने वाला नहीं है. झूठ और नफरत के सहारे भटकाने-बहकाने वाली भाजपा की चालाकी से जनता को सजग कराने के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चाहिए कि घर-घर जाकर सघन अभियान में जुट जाएं. भाजपा का अन्याय अब बर्दाश्त नहीं होगा.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित कपास और बुनकरों द्वारा कपड़ा बनाकर बिक्री से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, लेकिन भाजपा के कारण दोनों वर्ग संकट में हैं. सरकार की नीतियों ने व्यापार को भी चौपट कर दिया है. उन्होंने कहा कि महंगाई और भ्रष्टाचार से समाज का हर वर्ग परेशान है. नौजवान का भविष्य अंधकारमय है. सभी त्रस्त, आक्रोशित और आंदोलित हैं.
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अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र के वादों को भुलाकर जनता के साथ छल किया है. किसान को एमएसपी नहीं मिली, आय दोगुनी करने के वादे का कहीं अता पता नहीं. किसान तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दस महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार उनकी बात नहीं सुन रही हैं बल्कि अपमानित कर रही है.
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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बुनकरों की दशा भी दयनीय हो चली है. समाजवादी सरकार में उनको फिक्स बिजली चार्ज देना पड़ता था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने बिजली महंगी कर दी है. खुद एक यूनिट बिजली उत्पादन न करने वाली भाजपा सरकार के समय लोग बिजली कटौती झेल रहे हैं. पावरलूम बुनकरों का धंधा ही चौपट हो गया है.
अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा जाते-जाते गन्ना किसानों के बकाये का ब्याज न सही मूल ही चुका दे तो बड़ी बात होगी. ब्याज अदायगी की बात तो अब भाजपा नेता भूलकर भी नहीं करते हैं. किसानों से क्रय केन्द्रों में अपमान जनक व्यवहार किया जाता है. एमएसपी पर खरीद न होने से किसान को अपना अनाज बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है. देश के अन्नदाता का सम्मान न करने वाली भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. किसान आंदोलन भाजपा के अन्दर टूटन का कारण बनने लगा है.
Posted By: Achyut Kumar