Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण के लिए सोमवार सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुए. इस बीच 586 उम्मीदवारों का भाग्य दांव पर लगा हुआ है. दूसरे चरण के मतदान के दौरान कुछ वीआईपी सीट हैं, जिन पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी. पेश है एक खास रिपोर्ट…
नकुड़ विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में आती है. साल 2017 में नकुड़ विधानसभा में हुए चुनाव में करीब 37 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था. उस चुनाव में बीजेपी से डॉ. धर्म सिंह सैनी ने कांग्रेस के इमरान मसूद को 4057 वोट के अंतर से हराने में सफलता हासिल की. इस बार धर्म सिंह सैनी बीजेपी छोड़ चुके हैं. इमरान मसूद भी नकुड़ सीट पर कांटे की टक्कर देते रहे हैं. ऐसे में नकुड़ विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होता दिख रहा है. सभी की नजरें इस सीट पर टिकी हुई हैं.
संभल की चंदौसी विधानसभा क्षेत्र में भी वोट डाले जाएंगे. मौजूदा समय में यहां से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी गुलाब देवी विधायक हैं. इस बार उनके सामने विरोधियों के साथ-साथ अपनों से भी निपटने की चुनौती होगी. दरअसल, जब बीजेपी ने गुलाब देवी को चंदौसी सीट से प्रत्याशी घोषित किया था, उस समय कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया था. हालांकि बाद में, विरोध के स्वर थम गए. गुलाब देवी उत्तर प्रदेश सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री हैं.
रामपुर की स्वार सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. यहां से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने हैदर अली खान को प्रत्याशी बनाया है. हैदर अली पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां के पुत्र हैं. स्वार सीट से अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी हैदर अली खान का परिवार कांग्रेसी रहा है. उनके पिता व पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान रामपुर शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. हैदर अली का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
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रामपुर शहर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की पांच विधानसभा सीटों में से एक है. इसका विधानसभा क्रमांक 37 है. पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में यहां पर दूसरे चरण में मतदान हुआ था, जिसमें 56.32 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. चुनाव में सपा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा को 46842 मतों से हराया. विजयी उम्मीदवार को 102100 मत व निकटतम प्रतिद्वंदी को 55258 मत प्राप्त हुए. अगले विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने की संभावना है.
शाहजहांपुर की सदर विधानसभा सीट पर 1989 से भाजपा का कब्जा है. यहां से 1989 में सुरेश कुमार खन्ना चुनाव जीते थे. इसके बाद से लगातार 1991,1993, 1996, 2007, 2012 और 2017 में भी दर्ज की थी. सपा और बसपा सात चुनाव लड़ चुकीं है, लेकिन दोनों ही पार्टियां सदर सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकीं. अगर, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना नौवीं बार विधायक बनते हैं, तो वह प्रमोद तिवारी का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज रिकॉर्ड तोड़ देंगे. जबकि सपा ने एक बार फिर तनवीर खां को सुरेश खन्ना के विजय रथ रोकने की कोशिश में टिकट दिया है.
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह चार बार विधायक रहे चुके है, तो वहीं दो बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने हैं. हालांकि इसके बावजूद भी उनकी हैट्रिक नहीं हो पाई है. क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी मेंबर) से सियासत में आगाज करने वाले पूर्व मंत्री धर्मपाल सिंह पहली बार ब्लॉक प्रमुख बने थे. इसके बाद 1996 में भाजपा के टिकट पर आंवला विधानसभा से चुनाव लड़े थे. यह चुनाव वे जीत गए.
बिल्सी विधानसभा सीट बदायूं जिले का एक हिस्सा है. 1967 में परिसीमन आदेश पारित होने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1974 में हुआ था. इस चुनाव में भारतीय जन संघ के सोहनलाल ने कांग्रेस के केशव राम को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद हुए चुनावों में ज्यादातर बार बसपा ने जीत दर्ज की. बिल्सी विधानसभा सीट पहली बार उस समय चर्चा में आई थी, जब 1996 में बसपा मुखिया मायावती यहां से चुनाव लड़ने पहुंची थीं. इस चुनाव में मायावती ने भाजपा के योगेंद्र कुमार सागर को 2215 वोट से मात दी थी. हालांकि जीतने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया था. 2017 में यहां से बीजेपी के राधा कृष्ण शर्मा को जीत मिली थी.
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