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UP Chunav: चुनावी चक्रव्यूह के सातवें चरण में छोटे दलों की भूमिका खास, इनका जिसे साथ मिला सत्ता उसके पास

यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें चरण में शामिल 9 जनपदों के स्थानीय समीकरण बताते हैं कि अब वे दल जो अलग-अलग दलों से गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी सफलता ही सरकार को बनवाने में अहम किरदार निभाएगी. पूर्वांचल में छोटे दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है.

Seventh Phase News: यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 अब अंतिम कगार पर है. सपा, भाजपा, बसपा, कांग्रेस और आप सभी ने अपनी पूरी ताकत सातवें चरण के चुनाव प्रचार में झोंक दी है. मगर चुनौतीपूर्ण इस चुनावी चक्रव्यूह में अब बारी है छोटे दलों की. सातवें चरण में शामिल 9 जनपदों के स्थानीय समीकरण बताते हैं कि अब वे दल जो अलग-अलग दलों से गठबंधन के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी सफलता ही सरकार को बनवाने में अहम किरदार निभाएगी. पूर्वांचल में छोटे दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है.

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2017 के आंकड़े तो यही कर रहे खुलासा

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में सूबे की 9 जनपदों की 54 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है. इनमें आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र जिला शामिल है. इसके तहत आने वाली 54 विधानसभा सीटों की बात की जाए तो उनमें से 2017 के विधानसभा चुनाव परिणामों अपना दल के पास 4, सुभासपा के पास 3, और निषाद पार्टी के पास 1 सीट है. वहीं, भाजपा के पास 46 सीटें आईं थीं जबकि सपा के पास 2, बसपा के पास 5 और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी. हालांकि, उस समय भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली पार्टी सुभासपा ने अब समाजवादी पार्टी के साथ गलबहियां कर ली हैं. वे भाजपा को हर स्तर से नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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पांचवें चरण से ही बदल चुके थे समीकरण

दरअसल, छोटे दलों की बात की जाए तो पूर्वांचल में साल 2017 के चुनाव के परिणाम बताते हैं कि सहयोगी पार्टी को जीत दिलाने में इनकी अहम भूमिका होती है. पांचवें चरण के बाद ही इन छोटे दलों का खेल शुरू हो गया था. जातीय समीकरणों के आधार पर मतदाताओं को रिझाने वाले इन दलों के सहयोग के बिना किसी भी दल को बहुमत हासिल करने में दिक्कत हो सकती है.

बिना इन दलों के सहयोग के नहीं बनेगी सरकार

इस संबंध में पूर्वांचल की राजनीति को विभिन्न मीडिया संस्थानों के लिए लंबे समय से कवर करते आ रहे पत्रकार ज्ञानप्रकाश राय कहते हैं कि पूर्वांचल में विकास और रोजगार अन्य जगहों की तरह ही अहम मुद्दा है. मगर यहां जातीय समीकरणों के आधार पर वोट देने की परंपरा सी हो चुकी है. ऐसे में छोटे दलों के सहयोग के बिना यूपी की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचना काफी मुश्किल है. उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव परिणाम एकतरफा आने वाले नहीं लगे. ऐसे में बिना इन दलों के सहयोग के बिना कोई भी पार्टी सरकार बनाने में सफल नहीं हो सकेगी.

इन विधानसभा सीट पर होगा मतदान

सातवें चरण के तहत रॉबर्ट्सगंज, ओबरा, दुद्धी, दीदारगंज, अतरौला, गोपालपुर, सकलडीहा, सागरी, शिवपुर, मुबारकपुर, सेवापुरी, भदोही, ज्ञानपुर, औराई, मधुबन, घोसी, मोहम्मदाबाद गहना, मऊ, मोहम्मदाबाद, सैयदपुर, चकिया, अजगर,रोहनियां, मछली शहर, मरियाहू, छांबी, मिर्जापुर, मझवां, चुनार, शाहगंज, जौनपुर, मल्हानी,बदलापुर, पिंडारा, आजमगढ़, निजामाबाद, जमानिया, मुगलसराय, फूलपुर- पवई, लालगंज, मेहरगढ़, जाफराबाद, सैदपुर, मरिहां, घोरावल, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट, गाजीपुर, जंगीपुर, जहूराबाद और मुंगरा और बादशाहपुर विधानसभा सीट के मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

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