UP Chunav 2022: बीजेपी के लिए जरूरी है मैनपुरी में सपाई दुर्ग को ढहाना, दिग्गज भाजपाई क्यों लगा रहे जोर?

केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में दौरा किया था. यहां पर यह जानना जरूरी है कि बीजेपी ने तीसरे चरण के लिए सबसे पहले मैनपुरी में ही क्यों निशाना साधा है?

By Prabhat Khabar News Desk | February 16, 2022 7:24 AM
an image

Mainpuri Political News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अब तक दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. अब सभी राजनीतिक दलों की नजर तीसरे चरण पर है. 20 फरवरी को होने वाले इस चुनाव में सपा के गढ़ कहे जाने वाले विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. इस बीच मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में दौरा किया था. यहां पर यह जानना जरूरी है कि बीजेपी ने तीसरे चरण के लिए सबसे पहले मैनपुरी में ही क्यों निशाना साधा है?

क्यों खास है मैनपुरी

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ए वर्तमान में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की जन्मभूमि भले ही इटावा हो लेकिन उनकी कर्मभूमि मैनपुरी कही जाती है. उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनके द्वारा किए गए शिक्षण कार्य तक उन्होंने मैनपुरी में ही पूरे किए. इस जिले से मुलायम सिंह यादव ने अपनी कर्मभूमि बनाकर राजनीतिक क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए. पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह यादव ने हमेशा ही राजनीतिक अखाड़े में भी अपने दांवपेंच से बड़े-बड़ों को पटखनी दी है. साल 1992 में सपा के गठन के बाद से लेकर लोकसभा चुनाव में सपा ने किसी को भी जीतने नहीं दिया. मैनपुरी का यह रिकॉर्ड अब तक कायम है. वहीं, विधानसभा चुनाव में भी जिले की 4 सीटों में से अधिकांश पर सपा का ही कब्जा रहा है.

सपाई दुर्ग को ढहाने की अपील

सपा की मजबूती के चलते ही आज तक चाहे आज लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव यहां भाजपा के किसी भी राष्ट्रीय नेता या वरिष्ठ नेता ने आने की वह जहमत नहीं उठाई. मगर साल 2022 का चुनाव कुछ खास हो चुका है. इसीलिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मैनपुरी में अपनी हुंकार दी है. अमित शाह ने तो अपने चुनावी दौरे के समय जनता से यह अपील की थी कि इस बार भारी संख्या में भाजपा को वोट देते हुए इस सपाई दुर्ग को ढहा दिया जाए. हालांकि, उनका यह प्रयास कितना सफल हुआ है, यह तो 10 मार्च के बाद आने वाले परिणाम में ही पता चलेगा.

बीजेपी ने उतारा बड़ा चेहरा, बदले समीकरण?

बता दें कि मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि हर बार की तरह इस बार भी भाजपा किसी जिला स्तरीय नेता को मैदान में उतारेगी. हालांकि, भाजपा ने चुनाव को रोचक बनाते हुए इस बार बड़ा दांव खेला है. भाजपा की ओर से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के खिलाफ केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को चुनाव लड़ा रहे हैं. भाजपा के इस दांव से स्थानीय चुनावी समीकरण काफी प्रभावित हुए हैं.

क्यों खास है करहल?

मैनपुरी जिले में कुल 4 सीटें हैं. इनमें मैनपुरी सदर, भोगांव, किशनी और करहल विधानसभा सीट शामिल हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भोगांव सीट पर भाजपा तो वहीं अन्य तीन सीट पर सपा को जीत मिली थी. वहीं, साल 2012 में यहां की चारों सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत हासिल हुई थी. ऐसे में करहल से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लड़ने से यह वीआईपी सभी की नजरों में है. यहां पर मिलने वाली जीत और हार का असर यूपी की राजनीति पर भी पड़ेगा.

Exit mobile version