Lucknow News: यूपी में पहले चरण के चुनाव के बीच लखीमपुर खीरी किसान हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र टेनी को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के लिए भले ही यह खुशी की घड़ी हो. मगर राजनीति के जानकारों का मानना है कि इससे भाजपा को चुनाव में दिक्कतों का सामना कर पड़ सकता है.
क्या व्यवस्था है!!
चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में ज़मानत…
— Jayant Singh (@jayantrld) February 10, 2022
बता दें कि बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में आंदोलन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर उनकी जान लेने का मामला गुरुवार को फिर चर्चा में आ गया. दरअसल, इस हिंसा का मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र टेनी है. हाइकोर्ट ने गुरुवार को इस मसले पर आशीष मिश्र को जमानत दे दी है.
Ashish Mishra was given bail only because he is the son of a minister. BJP knows that it is losing the polls. They are trying to garner Brahmin votes by securing bail in order to send a message to the community that this bail is the result of their efforts: SBSP chief OP Rajbhar pic.twitter.com/EqE8Amgwoa
— ANI (@ANI) February 10, 2022
इसके बाद से किसानों के नाम आंदोलन करने वाले एवं भाजपा का विरोध करने वालों के लिए यह मुद्दा दोबारा जिंदा हो गया है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट भी किए जा रहे हैं. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का कहना है, ‘क्या व्यवस्था है? चार को रौंदा, चार महीनेे में मिल गई जमानत.’ बता दें कि गुरुवार को एक ओर यूपी के 11 जिलों में वोटिंग जारी थी. इसी बीच हाइकोर्ट के एक निर्णय से लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी को जमानत मिल गई. जाहिर है, किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वालों को यह मुद्दा रास नहीं आएगा.
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इस संबंध में सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एएनआई से कहा, ‘आशीष मिश्रा को सिर्फ इसलिए जमानत दी गई क्योंकि वह एक मंत्री के बेटे हैं. भाजपा जानती है कि वह चुनाव हार रही है. वे समुदाय को यह संदेश देने के लिए जमानत हासिल करके ब्राह्मण वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह जमानत उनके प्रयासों का परिणाम है.’
14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के तहत बेहट, नकुर, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर, मनिहारन, गंगोह, नजीबाबाद, नगीना, बारहपुर, धामपुर, नेहतौर, बिजनौर, चांदपुर, नूरपुर, कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, कुंदर्की, बिलारी, चंदौसी, असमोली, संभल, सुआर, चमरौआ, बिलासपुर, रामपुर, मिलाक, धनौरा, नौगांव सादत, अमरोहा, हसनपुर, गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी, बदायूं, शेखुपुर, दातागंज, बहेरी, मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर, बिठारी चैनपुर, बरेली, बरेली कैंट, आंवला, कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव होना है.
जाहिर है कि दूसरे चरण के चुनाव में किसान बाहुल्य क्षेत्र में ही मतदान होना है. ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि इससे बीजेपी के विरोधियों को बड़ा मुद्दा मिल सकता है. वहीं, इस निर्णय का समर्थन करने वालों का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है. इसका दावा बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने एक मीडिया घराने के कार्यक्रम में भी दिया था. ऐसे में कोर्ट के निर्णय का चुनाव से कोई लेनादेना नहीं होगा. बता दें कि चौथे चरण में लखीमपुर खीरी क्षेत्र में मतदान होना है.