UP Cabinet: प्रदेश के 62 जनपदों में 2100 नए राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना मंजूर, जानें और क्या-क्या…
यूपी की योगी कैबिनेट ने प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 84198.83 लाख रुपये के व्यय प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. प्रदेश में 87 प्रतिशत नेट क्रॉप एरिया का सिंचन किया जा रहा है.
Yogi Cabinet Decision: लखनऊ में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई. बैठक की अध्यक्षता सीएम योगी आदित्यनाथ ने की. बैठक में 15 अहम प्रस्तावों पर सहमति से मुहर लगाई गई. इस दौरान कई अहम फैसलों पर मुहर लगाते हुए शिक्षकों के सम्मान नीति में संशोधन के साथ ही कृषकों को राहत पहुंचाते हुए कई बड़े कदम उठाने का निर्णय लिया गया.
62 जनपदों में 2100 नए राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना मंजूर
यूपी की योगी कैबिनेट ने प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना की व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत 84198.83 लाख रुपये के व्यय प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. प्रदेश में 87 प्रतिशत नेट क्रॉप एरिया का सिंचन किया जा रहा है. वहीं, 13 प्रतिशत नेट क्रॉप एरिया को सिंचन सुविधा उपलब्ध नहीं है. प्रदेश में कुल 143.37 लाख हेक्टेयर में से 107.30 लाख हेक्टेयर एरिया का सिंचन, राजकीय नलकूपों एवं निजी नलकूपों के माध्यम से किया जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 34,316 राजकीय नलकूपों द्वारा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी
सिंचन क्षमता को बढ़ाने तथा लघु एवं सीमान्त कृषकों के हित में जन प्रतिनिधियों तथा स्थानीय कृषकों की मांग के दृष्टिगत, परिक्षेत्र स्तर पर 1.0 क्यूसेक क्षमता के नवीन राजकीय नलकूप प्रदेश के 62 जनपदों के भूगर्भ जल सुरक्षित विकासखण्डों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना गठित की गई है. परियोजना के अन्तर्गत निर्मित होने वाले प्रत्येक नलकूप पर रिमोट सेंसिंग (रजिस्टिविटी सर्वे एवं लॉगिंग आदि), ड्रिलिंग, डेवलपमेंट, पम्पहाउस का निर्माण, डिलीवरी टैंक, हेडर एवं जल वितरण प्रणाली के तहत 1.2 किलोमीटर भूमिगत पीवीसी पाइप लाइन के बिछाने, 10 आउटलेट का निर्माण तथा ऊर्जीकरण का कार्य कराया जाना है. परियोजना वर्ष 2022-23 से प्रारम्भ होकर वर्ष 2023-24 तक पूर्ण की जाएगी. इसके पूर्ण होने पर 50 हेक्टेयर प्रति राजकीय नलकूप की दर से 105000 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी. परियोजना के अंतर्गत राजकीय नलकूपों के निर्माण कार्य से श्रमिकों हेतु 21 लाख मानव दिवस के रोजगार का सृजन सम्भावित है.
बीजों पर अनुदान की योजना
मंत्रिपरिषद ने कमजोर मानसून की स्थिति में राज्य पोषित प्रमाणित बीजों पर अनुदान की योजना के अन्तर्गत तोरिया के निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरण की कार्ययोजना तथा निःशुल्क बीज मिनी किट वितरण हेतु प्रमाणित बीजों पर अनुदान के मद से 457.60 लाख रुपये की धनराशि की व्यवस्था के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है. इसके तहत जिन जनपदों में मानसून की कमी के चलते खरीफ की बुवाई नहीं हो पा रही है. ऐसे क्षेत्रों में अवशेष आच्छादन की पूर्ति हेतु कृषकों को तोरिया के निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण किया जायेगा. निःशुल्क बीज मिनीकिट के वितरण में लघु, सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना के अंतर्गत 100 प्रतिशत राज्य सहायता के आधार पर दो किग्रा प्रति पैकेट तोरिया बीज मिनीकिट का कृषकों को निःशुल्क वितरण किया जायेगा. तोरिया के निःशुल्क बीज मिनीकिट का वितरण जनपदों में 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित-जनजाति के कृषकों तथा शेष अन्य कृषकों में किया जाएगा. यह प्रयास किया जाएगा कि चयनित कृषकों में 30 प्रतिशत महिला कृषकों की भागीदारी सुनिश्चित हो. इस सुविधा का लाभ कृषकों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर उपलब्ध कराया जायेगा. योजना के क्रियान्वयन से लगभग 4 लाख कुंतल अतिरिक्त तोरिया का उत्पादन प्राप्त होगा तथा लाभार्थी कृषकों को औसतन 8000 रुपये प्रति हेक्टेयर का लाभ मिलेगा.
राज्य अध्यापक पुरस्कार के चयन में संशोधन
कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालयों में योग्यता को बढ़ावा देने हेतु राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन के सम्बन्ध में निर्धारित गाइडलाइन्स में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है. राज्य अध्यापक पुरस्कार के तहत विद्यालयों के उचित प्रबंधन तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के दृष्टिगत प्रधानाचार्य तथा अध्यापकों की संख्या का प्रतिनिधित्व के आधार पर विषय पृथक-पृथक मानक का निर्धारण किया गया है. पूर्व निर्धारित मूल्यांकन मानक सब्जेक्टिव हैं. प्रधानाचार्य के मूल्यांकन मानक तथा अध्यापक के लिए विषयवार आकलन का निर्धारण कर उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है. संशोधित नीति में निर्धारित 18 पुरस्कारों में 2-2 पुरस्कार प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक तथा शेष 14 पुरस्कार शिक्षक के लिए विषयवार निर्धारित किये गये हैं.
न्यूनतम 50 प्रतिशत अर्हक अंक निर्धारित
वहीं, राज्य अध्यापक पुरस्कार की संशोधित गाइडलाइन्स में यह व्यवस्था भी की गई है कि पूर्व में जनपद/मण्डल/राज्य स्तर पर गठित चयन समितियों के अतिरिक्त, निदेशालय स्तर पर चयन समिति का गठन किया जायेगा, जिससे सीमित संस्तुतियां राज्य चयन समिति में प्राप्त हों. समय सारणी को और अधिक व्यावहारिक बनाया गया है. पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अलावा, केन्द्र अथवा अन्य राज्य सरकारों अधीन राजकीय/सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियमित रूप से की गई सेवा को मान्य किया गया है, परन्तु पुरस्कार का आकलन प्रदेश में किये गये शिक्षण कार्य के आधार पर किया जायेगा. पूर्व में आवेदन हेतु निर्धारित अर्हक अंक 40 प्रतिशत को संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अर्हक अंक निर्धारित किया गया है. पूर्व में बोर्ड परीक्षाफल 5 वर्षों का उल्लेख है. इसे संशोधित करते हुए 5 वर्षों का बोर्ड परीक्षाफल जो प्रत्येक वर्ष 90 प्रतिशत से कम न हो, निर्धारित किया गया है.