GBC 3.0: देश के सशस्‍त्र बलों को मॉडर्न जमाने के हथ‍ियारों से लैस करेगा यूपी, अडानी डिफेंस का MOU साइन

उत्तर प्रदेश सरकार और अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एकीकृत गोला-बारूद निर्माण परिसर के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके तहत अडानी डिफेंस यूपी में 1,500 करोड़ का निवेश करेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2022 6:21 PM

Ground Breaking Ceremony 3.0: उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्‍थ‍ित इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान (आईजीपी) में तीसरी ग्राउंड ब्रेक‍िंग सेरेमनी का आयोजन किया गया. इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार और अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एकीकृत गोला-बारूद निर्माण परिसर के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके तहत अडानी डिफेंस यूपी में 1,500 करोड़ का निवेश करेगी.

‘सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथ‍ियारों से लैस करेंगे’

इस संबंध में जारी की गई प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार, प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी एकीकृत विनिर्माण सुविधा को स्थापित करने के लिए लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की पूर्व संध्या पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए. यूपी शिखर सम्मेलन में अडानी समूह के प्रेसीडेंट गौतम अडानी ने उच्च गुणवत्ता वाले गोला-बारूद में आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया था. उन्‍होंने बताया था कि अडानी डिफेंस का लक्ष्‍य देश के सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथ‍ियारों से लैस करना है. वहीं, एमओयू पर साइन होने के बारे में बोलते हुए यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी और एड‍िशनल चीफ सेक्रेटरी ने संयुक्‍त बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ की देखरेख में कि‍या गया यह न‍िवेश इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा.’

250 एकड़ से अध‍िक क्षेत्र में बनेगा पर‍िसर

दक्षिण एशिया की इस सबसे बड़ी विनिर्माण सुविधा के निर्माण की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के अध्यक्ष और सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एकीकृत गोला-बारूद परिसर स्थापित कर रहे हैं. यहां छोटे और मध्यम कैलिबर के गोला बारूद के साथ-साथ कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइलों में का भी निर्माण किया जाएगा. यह रक्षा निर्माण में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात को प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य में अहम योगदान निभाएगा. जानकारी के मुताब‍िक, परिसर 250 एकड़ से अध‍िक क्षेत्र में तैयार किया जाएगा. लगभग 1,500 करोड़ के निवेश के साथ छोटी और मध्यम कैलिबर के गोला-बारूद में अत्याधुनिक तकनीक के साथ-साथ कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइलों से लैस होगा. लगभग 1,500 लोगों को काम पर रखने की योजना है.

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