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यूपी समेत ये पांच राज्य 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की रेस में शामिल, जानिए क्या है परेशानी!

Trillion Economy: महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं. लेकिन सवाल यह है कि वे ऐसा कब कर सकते हैं?

By Samir Kumar | December 24, 2022 12:32 PM

Trillion Economy: देश के कई राज्य 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं. सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के शीर्ष पांच राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं, लेकिन सवाल यह है कि वे ऐसा कब कर सकते हैं?

टारगेट पूरा करने वाला पहला राज्य होगा महाराष्ट्र!

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र संभवत: उस मील के पत्थर तक पहुंचने वाला पहला राज्य होगा, जो वर्तमान में 385 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (2021-22) है. भले ही यह अगले सात वर्षों के लिए 10 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है, लेकिन 2030 तक 800 अरब डॉलर से कम हो जाएगा. इसका मतलब है कि सबसे बड़ा राज्य भी इस दशक में 1 ट्रिलियन डॉलर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लक्ष्य तक पहुंचने में महाराष्ट्र को लगेंगे 11 साल!

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास की मौजूदा दर पर उस लक्ष्य तक पहुंचने में महाराष्ट्र को 11 साल लग सकते हैं. कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश इसे 12-16 वर्षों में इसी क्रम में बनाएंगे. इसमें महाराष्ट्र सबसे संभावित उम्मीदवार होगा, जो जीएसडीपी के मामले में अब तक नंबर वन है.

कौन बनेगा भारत में नंबर 2 की अर्थव्यवस्था?

रुपये-डॉलर की विनिमय दरों को ध्यान में रखे बिना, महाराष्ट्र के बाद भारत में नंबर 2 की अर्थव्यवस्था कौन बनेगा? वर्तमान में तमिलनाडु नंबर 2 है. लेकिन, कर्नाटक और गुजरात दोनों ही राज्य यहां तक पहुंच बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. 2021-22 में कर्नाटक का जीएसडीपी तमिलनाडु से 2 बिलियन डॉलर से भी कम था और अगर यह स्टार्टअप कैपिटल और भारत की सिलिकॉन वैली बना रहा, तो राज्य जल्द ही भारत का नंबर 2 राज्य बन जाएगा. 2017-18 और 2021-22 के बीच 4 वर्षों में कर्नाटक की अर्थव्यवस्था तमिलनाडु के 41 प्रतिशत के मुकाबले लगभग 54 प्रतिशत बढ़ी है. प्रदर्शन में यह बहुत बड़ा अंतर है.

यूपी अब 5वें नंबर पर

उत्तर प्रदेश स्पष्ट रूप से पिछड़ रहा है और कोविड के झटके के बाद उसे पीछे हटने की जरूरत है. गौरतलब है कि कोविड से पहले, उत्तर प्रदेश देश का नंबर 3 राज्य था और यह कर्नाटक और गुजरात से आगे और तमिलनाडु से ठीक पीछे था. लेकिन, यूपी राज्य की कृषि पर अत्यधिक निर्भरता और प्रवासी श्रमिकों द्वारा भेजे जाने वाले धन ने इसकी अर्थव्यवस्था को बाकियों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित किया है. यह 2020-21 और 2021-22 दोनों कोविड महामारी के वर्षों के दौरान वापस गिर गया. दरअसल, इस दौरान प्रवासी अपने गांवों में वापस चले गए और शहरी क्षेत्रों से कमाई बंद कर दी. जिसके बाद यूपी अब 5वें नंबर पर है. संभावना जताई जा रही है कि यह 2030 के दशक का काला घोड़ा हो सकता है.

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