लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 25 स्कूलों में एक साथ फर्जी तरीके से ड्यूटी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कासगंज पुलिस ने शनिवार को फर्जी तरीके से ड्यूटी करने वाली शिक्षिका को गिरफ्तार किया, वो फिलहाल अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में विज्ञान की शिक्षिका के रूप में काम कर रही थी.
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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जनपद के थाना सोरों क्षेत्रान्तर्गत कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका अनामिका शुक्ला निवासी को जनपद पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के सम्बंध में क्षेत्राधिकारी नगर @kasganjpolice द्वारा दी गयी बाइट @dgpup @adgzoneagra @digrangealigarh pic.twitter.com/Y1kHMMOiTE— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) June 6, 2020
इस मामले पर कासगंज की बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल ने बताया कि शिक्षिका को एक नोटिस भेजा गया था, जब हमने पाया कि अनामिका शुक्ला के दस्तावेज कई पोस्टिंग के लिए सूचीबद्ध हैं, जिसके बाद वह अपना इस्तीफा देने के लिए हमारे कार्यालय में आईं और हमने उसे पुलिस को सौंप दिया. वहीं जिले के एसपी अतुल शर्मा ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका अनामिका शुक्ला के खिलाफ लिखित शिकायत दी है. शिकायत में लिखा है कि वह जाली दस्तावेजों के जरिए नौकरी में आई थी. एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की कार्रवाई की जाएगी.
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. इसी दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया. छानबीन में पता चला है कि एक शिक्षिका 25 स्कूलों में पिछले एक साल से अधिक समय से नियुक्त है. मामले में स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के निर्देश पर शिक्षिका के खिलाफ जांच शुरू कर दी गयी है.
बताया जाता है कि मैनपुरी की रहनेवाली अनामिका शुक्ला ने रायबरेली, प्रयागराज, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़ जैसे जिलों के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में तैनात मिली है. यहां टीचरों की नियुक्ति कॉन्ट्रेक्ट पर होती है. शिक्षकों को प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय मिलता है. जिले के हर प्रखंड में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है.
सर्व शिक्षा अभियान की ओर से छह जिलों में पत्र भेज कर कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है. मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी का कहना है कि विभाग ने जांच का आदेश दिया है. आरोप सत्य होने पर शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.