Lucknow: यूपी की दो लोक सभा सीटों रामपुर और आजमगढ़ के उपचुनाव के लिये जारी प्रचार मंगलवार शाम को छह बजे थम गया. इसी के साथ बाहरी प्रचारकों को जिला छोड़ने का क्रम भी शुरू हो गया है. जिला प्रशासन और पुलिस ने दोनों लोकसभा सीटों पर प्रचार थमते ही दूसरे जिले से लगी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है.
आजमगढ़ लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई थी. यहां से अब धर्मेंद्र यादव मैदान में हैं. वहीं बीजेपी से भोजपुरी फिल्म स्टाार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा है. वर्ष 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव ने दिनेश लाल यादव को हराया था. एक बार फिर निरहुआ लोकसभा में पहुंचने के लिये समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को चुनौती दे रहे हैं.
Also Read: रामपुर की जनता से सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- रामपुर का चाकू सज्जन लोगों के हाथ में आएगा तो रक्षा करेगा
वहीं रामपुर की सीट समाजवादी पार्टी के मोहम्मद आजम खां के इस्तीफे से खाली हुई थी. आजम खां ने 2022 विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये लोकसभा से इस्तीफा दिया था. अब रामपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने आजम खान के करीबी असीम राजा पर दांव लगाया है. वहीं बीजेपी ने घनश्याम लोधी को रामपुर से मैदान में उतारा है. घनश्याम लोधी भी आजम खान के करीबी रहे हैं और 2022 विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे.
विधानसभा चुनाव की तरह ही बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों की राह में कांटे बिछाने का कार्य नहीं छोड़ा है. रामपुर में बीएसपी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है लेकिन आजमगढ़ में मायावती ने गुड्डू जमाली को मैदान में उतारकर उपचुनाव की लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है. पूर्व विधायक और कारोबारी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने 2022 विधान सभा चुनाव ओवैसी की आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गये थे. इस बार वह हाथी पर सवार होकर साइकिल की राह कठिन कर रहे हैं.