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मछली पालन में सक्र‍िय माफि‍या पर गिरेगी गाज, मंत्री संजय न‍िषाद का दावा- आसान बनाएंगे मछली पालन व्‍यवसाय

मीड‍िया से हुई बातचीत में न‍िषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और मत्‍स्‍य व‍िकास मंत्री संजय न‍िषाद ने कहा क‍ि प्रदेश के सभी जनपदों के ज‍िला‍धिकार‍ियों को पत्र ल‍िखा गया है. उनसे तालाबों पर क‍िए गए अवैध कब्‍जों को मुक्‍त कराने की बात कही गई है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2022 4:55 PM

Lucknow News: मत्‍स्‍य व‍िकास मंत्रालय अब लंबे समय से अवैध तरीके से कब्‍जा करके धनउगाही कर रहे माफ‍िया गुटों पर सख्‍ती करने की तैयारी कर रहा है. शनिवार को इस संबंध में मंत्री संजय न‍िषाद ने खुलकर बयान देते हुए कहा क‍ि यूपी में कई पोखरों और तालाबों पर माफ‍ियाओं का अवैध कब्‍जा बरकरार है. खासकर, मांगुर मछली के व्‍यापार में संल‍िप्‍त माफ‍िया पर गाज ग‍िराने की तैयारी कर रहे हैं.

ज‍िलाध‍िकार‍ियों को ल‍िखी च‍िट्ठी

मीड‍िया से हुई बातचीत में न‍िषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और मत्‍स्‍य व‍िकास मंत्री संजय न‍िषाद ने कहा क‍ि प्रदेश के सभी जनपदों के ज‍िला‍धिकार‍ियों को पत्र ल‍िखा गया है. उनसे तालाबों पर क‍िए गए अवैध कब्‍जों को मुक्‍त कराने की बात कही गई है. जब तालाबों पर से माफियाओं का कब्‍जा मुक्‍त हो जाएगा तभी राजस्‍व आद‍ि में सुधार होगा. उन्‍होंने कहा क‍ि राज्‍य सरकार ने प्रदेश में ज‍ितने भी तालाब हैं उनकी सूची जनपदों के डीएम से मांगी है. उक्‍त तालाबों की गणना होने के बाद ही राजस्‍व आद‍ि में समुच‍ित व‍िकास हो सकता है.

जिनके पास जमीन नहीं वे भी पालेंगे मछली 

उन्‍होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया क‍ि मत्‍स्‍य पालन को कृष‍ि का दर्जा द‍िलाकर ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को राहत द‍िलाई जाए. उन्‍होंने कहा क‍ि व‍िभाग की यह कोश‍िश है क‍ि राज्‍य सरकार इस व्‍यवसाय को बढ़ाने के लिए जब अनुदान दे रही है तो ब‍िजली व‍िभाग भी अपनी ओर से मछली पालकों को राहत दे क्‍योंक‍ि महंगी ब‍िजली के अभाव में वे ट्यूबवेल चलाकर अपने पोखरों को पानी से भर नहीं पा रहे हैं. आगामी 100 द‍िनों की योजना के बारे में उन्‍होंने बताया क‍ि मत्‍स्‍य पालन के कार्य को सर्वसुलभ बनाने की कोशि‍श की जा रही है. इससे उन लोगों को लाभ म‍िल सकेगा ज‍िनके पास जमीन नहीं है. वे अपने घर के सामने भी टैंक लगाकर उसमें मछली पालन का कार्य कर सकते हैं.

रिपोर्ट : रजनीश यादव

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