UP MLC Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति में कब क्या बदल जाए इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता. यहां कब किसी राजनीतिक पार्टी का अपना पराया बन जाए और कब पराया अपना इस पर भी कुछ कहना मुश्किल है. और चुनाव के आते ही अपने-परायों का खेल कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. वहीं उत्तर प्रदेश में विधान परिषद का चुनाव होने वाला है. ऐसा लगता है ये चुनाव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए किसी मुसीबत से कम साबित नहीं होना वाला. समाजवादी पार्टी के कई सहयोगी पार्टी अब उससे नाराज हो गये हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने मंगलवार को नामांकन किया. समाजवादी पार्टी की ओर से तीन प्रत्याशियों ने आज नामंकन किया, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्या, सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज खान शामिल है. नामांकन के बाद से ही सपा के सहयोगी पार्टियों में नाराजगी की खबरें सामने आने लगी. जो बातें अदंरखाने हो रही थी अब वो खुल कर सामना आने लगी.
Also Read: UP: चाटुकारों से घिरे हैं अखिलेश यादव – यह कहते हुए केशव देव मौर्या ने सपा से तोड़ा गठबंधन
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की ओर से विधान परिषद न भेजे जाने से नाराज महान दल अध्यक्ष केशव देव मौर्य (Keshav Dev Maurya) ने बड़ा ऐलान कर दिया. केशव देव मौर्य ने सपा गठबंधन से खुद को अलग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि दवाब डालने वालों को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) विधान परिषद और राज्यसभा भेज रहे हैं. जब सपा को मेरी जरूर ही नहीं तो गठबंधन का क्या फायदा.केशव देव मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव चाटुकारों से घिरे हैं. अब उन्हें मेरी जरुरत नहीं है.
वहीं जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान भी अखिलेश से नाराज नजर दिखे. उन्होंने भी विधान परिषद न भेजे जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के चीफ शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि प्रसपा अकेले यूपी के स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी.बहरहाल, शिवपाल सिंह यादव के निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ने के साथ यह तय हो गया है कि अब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी राह जुदा हो गई है.