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UP MLC Chunav: प्रधानों और बीडीसी से होली के गुलाल के बदले वोट मांगने का है प्लान, जानें भाजपा की रणनीति

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के नेतृत्व में एमएलसी चुनाव के लिए बैठक की गई थी. इसमें प्रभारियों और पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल संवाद किया गया था.पहले चरण के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा 16 मार्च तक कर दी जाएगी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 15, 2022 12:33 PM
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Lucknow News: विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति अब पूरी हो चुकी है. घोषणा होने की ही देरी है. 36 नामों को लेकर भी सूची तैयार की जा चुकी है. होली में गाल पर गुलाल लगाकर एमएलसी के वोट मांगने की योजना बनाई गई है.

कुछ खास होगी इस बार की होली 

जानकारी के मुताबिक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के नेतृत्व में एमएलसी चुनाव के लिए बैठक की गई थी. इसमें प्रभारियों और पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल संवाद किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, इसमें तय किया गया है कि दो चरण में होने वाले एमएलसी चुनाव के लिए पहले चरण के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा 16 मार्च तक कर दी जाएगी. वहीं, प्रधानों और बीडीसी को होली का अबीर लगाकर उनसे वोट मांगा जाएगा.

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हर सीट पर तीन नामों का पैनल

बता दें कि स्थानीय निकाय कोटे की 36 सीट पर होने वाले चुनाव की नामांकन प्रक्रिया 15 मार्च यानी आज से शुरू हो चुकी है. प्रत्याशी चयन और चुनावी तैयारी को लेकर मंथन का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. इसके तहत संगठन की ओर स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वोटर लिस्ट पर फोकस करने के साथ ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में होली मिलन समारोह आयोजित किया जाएगा. साथ ही, संगठन मंत्री सुनील बंसल ने हर सीट पर तीन नामों का पैनल भी सोमवार की शाम तक मंगवा लिया है.

सपा के इन नेताओं को प्राथमिकता

यहां जानना जरूरी है कि पार्टी विधानसभा चुनावों से पहले सपा के आधा दर्जन से अधिक मौजूददा एमएलसी और अन्य नेता भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं. इनमें नरेंद्र सिंह भाटी, सीपी चंद्र, रमेश मिश्र, रविशंकर सिंह पप्पू, रमा निरंजन, शैलेंद्र सिंह, शतरुद्र प्रकाश, घनश्याम लोधी और बसपा के सुरेश कश्यप जैसे नाम शामिल हैं. जाहिर है इन नेताओं को एमएलसी का टिकट देने की प्राथमिकता तो होगी ही. वहीं, भाजपा नेतृत्व ने पहले ही यह तय कर दिया है कि चुनाव हारने वाले नेताओं को एमएलसी का टिकट दिया जा सकता है.

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इन सीट पर 19 मार्च तक होगा नामांकन

मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, आजमगढ़-मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फर्रूखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, अलीगढ़, बुलन्दशहर, मेरठ-गाजियाबाद एवं मुजफ्फरनगर-सहारनपुर तथा मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के लिए 19 मार्च तक नामांकन लिए जाएंगे. मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से 2 सदस्य तथा शेष निर्वाचन क्षेत्रों से 1-1 सदस्य निर्वाचित होने हैं.

सपा और भाजपा का क्या है हाल?

मौजूदा समय में विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को बहुमत है. परिषद में सपा की 48 सीटें हैं, जबकि बीजेपी की 36 सीटें हैं. हालांकि, सपा के 8 एमएलसी अब बीजेपी में जा चुके हैं. वहीं, बसपा का एक एमएलसी भी बीजेपी में आ गए हैं. भाजपा विधान परिषद चुनाव की स्थानीय निकाय क्षेत्र सदस्य चुनाव में अपने काडर को मौका देगी, वहीं, करीब 10 सीटों पर सपा समेत अन्य दलों से आए नेताओं को उतारने की तैयारी है. पार्टी होली के बाद परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची घोषित करेगी. वहीं, भाजपा की ओर से साफ कर दिया गया है कि विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को एमएलसी का टिकट नहीं दिया जाएगा.

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