Bareilly News: सियासी दल उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 की तैयारियों में महीनों से जुटे हैं. निकाय चुनाव के दावेदार जनता के बीच मेहनत कर रहे हैं, तो वहीं लाखों रुपए खर्च कर चुके हैं. मगर, लगातार चुनाव टलने से उनकी चिंता बढ़ने लगी है. हर किसी को लंबे समय से निकाय चुनाव के आरक्षण और अधिसूचना का इंतजार है. इसके इंतजार में दावेदार भी थक चुके हैं. मगर, अब सियासी दलों के लखनऊ कार्यालयों से चुनाव के संकेत मिलने लगे हैं. जिसके चलते दावेदार एक्टिव होने लगे हैं.
सत्ताधारी दल के संगठन से जुड़े एक नेता ने बताया कि, हाईकमान ने तीन से पांच दिसंबर के बीच आरक्षण जारी होने की बात कही है. दावेदारों को आरक्षण की आपत्तियों के लिए पांच से सात दिन का समय मिलेगा. मगर, चुनाव का ऐलान यूपी की मैनपुरी लोकसभा, और रामपुर, खतौली विधानसभा उपचुनाव की मतगणना के बाद हो जाएगा. इसलिए सभी जातियों के दावेदारों से आवेदन लेने के लिए कहा गया है.
सभी पार्टियों के संगठन के पदाधिकारी दावेदारों के आवेदन को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं. क्योंकि, चुनाव की घोषणा होने के बाद कम ही समय में चुनाव कराया जाएगा. यूपी की निकायों का कार्यकाल 5 और 8 जनवरी तक है. इससे पहले मतदान कराने की तैयारी होगी. क्योंकि, पिछली बार 2017 निकाय चुनाव की अधिसूचना 27 अक्टूबर को लगी थी. इसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह तक मतगणना करा कर चुनाव संपन्न करा दिया गया था.
यूपी की 763 निकाय के आरक्षण का प्रस्ताव तैयार कर 10 नवंबर तक शासन को भेजा जा चुका है. यह शासन में है. नगर निकाय निदेशालय में मंथन के बाद चक्रानुक्रमांक से आरक्षण होगा. इससे बदलाव तय है. बरेली मेयर की सीट महिला आरक्षित हो सकती है. 2017 के निकाय चुनाव में 6 मेयर सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी. इसमें लखनऊ, कानपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, वाराणसी और गाजियाबाद थीं, जबकि सात नगर निगम की सीट अनारक्षित रखी गई थी.
वाराणसी और फिरोजाबाद की मेयर सीट पिछड़ी जाति की महिला के लिए रिजर्व थी. मेरठ नगर निगम की मेयर सीट अनुसूचित जाति महिला, गोरखपुर और सहारनपुर की मेयर सीट ओबीसी के लिए रिजर्व थी. पिछली बार पहली बार बनी मथुरा-वृंदावन नगर निगम सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी. मगर, इस बार शाहजहांपुर नगर पालिका को नगर निगम बनाया गया है. इससे यूपी में नगर निगम की संख्या 16 से 17 हो गई है.
नगर निकाय चुनाव 2017 में 199 नगर पालिका थीं. इसमें से 121 सीट अनारक्षित, 40 महिलाओं के लिए रिजर्व रखी गई थीं. 53 नगर पालिका ओबीसी के लिए, 18 सीट पिछड़े वर्ग की महिला, और 25 नगरपालिका अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखी गई थी.इसमें 17 अनुसूचित जाति, और 8 सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई थी.
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यूपी में पिछली बार 438 नगर पंचायत थीं. इसमें 178 अनारक्षित, जबकि 45 महिलाओं के लिए थीं.इसमें से 18 अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए, और 40 सीट पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए रखी गई हैं. 86 सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए, जबकि अनुसूचित जाति की महिला के लिए एक सीट रिजर्व थी.37 सीट अनुसूचित जाति, आउट 78 पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित थीं.मगर, इस बार अधिकांश सीटों पर आरक्षण बदलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली