UP चुनाव की तैयारियों को धार देने 10 सितंबर को लखनऊ आएंगी प्रियंका गांधी, यह है पूरी रणनीति
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 10 सितंब को यूपी के दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचेंगी. यहां वह राज्य चुनाव समिति और सलाहकार समिति के साथ बैठक कर विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करेंगी.
UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर कांग्रेस (Congress) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) 10 और 11 सितंबर को लखनऊ का दौरा करेंगी. इस दौरान वह संगठनात्मक समीक्षा करेंगी और पार्टी की राज्य चुनाव समिति और सलाहकार समिति के साथ बैठक करेंगी.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अघोषित तौर पर करीब 60 नेताओं को यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने की हरी झंडी दिखा चुकी है. यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर अखिल भारतीय सचिव जमीनी हकीकत को परखते हुए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं. पार्टी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बिना स्क्रीनिंग कमेटी के सीधे उम्मीदवारों पर निर्णय लिया जा रहा है.
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अनुग्रह नारायण सिंह लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
सोमवार को प्रयागराज शहर उत्तरी सीट से पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह (Anugrah Narayan Singh) की उम्मीदवारी का एलान किया गया. प्रभारी सचिव बाजीराव खांडे ने बाकायदा कार्यकर्ता सम्मेलन में उनके नाम की घोषणा की थी. ऐसा प्रियंका गांधी के निर्देश पर किया गया. अनुग्रह नारायण सिंह इसी सीट से चार बार विधायक रहे हैं. इसके अलावा, करीब दो साल तक वह उत्तराखंड के प्रभारी भी रहे हैं.
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लल्लू, आराधना समेत 60 नेता लड़ेंगे चुनाव
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu), विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना (Aradhana Mishra Mona), पूर्व विधायक नदीम जावेद को भी चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, कुछ मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों और अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाले करीब 60 नेताओं को चुनावी तैयारियों में जुटने को कहा गया है.
सरकार के लिए छात्रों को सुनना कठिन है
बता दें, प्रियंका गांधी लगातार केंद्र और यूपी की बीजेपी सरकार पर ट्विटर के जरिए हमला बोल रही हैं. छात्रों की मांगों के लेकर किए अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, समय-समय पर सरकार पूरे भारत में छात्रों की वैध मांगों के खिलाफ जोर देती है. सत्ता में बैठे लोगों के लिए उन लोगों को सुनना और उनकी मदद करना इतना कठिन क्यों है जो हमारे देश का भविष्य हैं? क्या उनका मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण कोई मायने नहीं रखता?
Time after time the government pushes on against the legitimate demands of students across India. Why is it so hard for those in power to hear out and help those who are the future of our nation? Does their mental health and well being not matter?#JusticeForNEETAspirants
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 7, 2021
Posted by : Achyut Kumar