Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली के नवाबगंज थाना क्षेत्र के भदपुरा विकास खंड के कुंवरपुर तुलसी पट्टी निवासी फकीरचंद (70 वर्ष) ने वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड की क्योलड़िया शाखा से पंपसेट (सिंचाई इंजन) के लिए 40 हजार रुपए का लोन लिया था. मगर, खेती में घाटा होने की वजह से लोन की किश्त जमा नहीं कर पाए.
यह लोन बढ़कर 1.80 लाख हो गया, जिसके चलते दो दिन पहले बैंक की रिकवरी टीम घर बकाया लोन जमा कराने के लिए किसान के घर आई थी. इससे परेशान फकीरचंद गुरुवार को बैंक पहुंचे. उन्होंने बैंक अफसरों से लोन को लेकर बात की. इसके साथ ही अपनी आर्थिक हालत से अवगत कराया था, लेकिन बैंक अफसरों ने तुरंत यह रकम जमा करने की बात कही. लोन की रकम जमा न करने पर जमीन कुर्की की धमकी दी. इसी से वह सदमे में आ गए. बैंक अफसरों के सामने ही गश खाकर गिर गए. कुछ देर में ही मौत हो गई. इस मामले में मृतक की बेटी ने बैंक स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहरीर दी है .
किसान फकीरचंद ने 40 हजार रुपए का लोन लिया था. मगर, इस पर चार गुना ब्याज बताया गया, तो वह सदमे में आ गए. इसी कारण उनकी मौत होने की बात सामने आई है. ग्रामीणों ने बताया कि फकीरचंद की काफी कम जमीन है. इसमें खेती कर परिवार का पालन पोषण करते थे. तीन बेटियों में से एक बेटी शीला देवी विधवा हो चुकी है. वह फकीरचंद के साथ रहती थी.
मृतक फकीरचंद की बेटियों का आरोप है कि उनके घर बैंक के अफसर पहुंचे थे. इन लोगों ने पूरी लोन की रकम तुरंत जमा करने को कहा. इसके साथ ही न जमा करने पर जमीन की कुर्की के आदेश देने की बात कही. इससे पिताजी सदमे में आ गए. बैंक में लोन की जानकारी लेने पहुंचे. मगर, इन लोगों ने बैंक में फिर धमकाया. इसी को लेकर उनकी मौत हो गई.
इस मामले में मृतक की बेटी की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई है. हालांकि, फील्ड आधिकारी अमित कुमार शुक्ला ने धमकाने के आरोप को बेबुनियाद बताया है. मगर, इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद