Uttar Pradesh News: जौनपुर की एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट ने जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा से पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर आरोप तय कर दिए हैं. 27 साल पहले जीआरपी सिपाही हत्याकांड में कोर्ट ने उमाकांत यादव को दोषी करार दिया है। मामले में उमाकांत सहित 7 आरोपियों को आज सजा सुनायी जाएगी. उमाकांत यादव जौनपुर के शाहगंज स्टेशन पर चार फरवरी 1995 को जीआरपी सिपाही हत्याकांड में दोषी कराए दिए गए हैं.
मुकदमे में बहस के दौरान सीबीसीआईडी के वकील ने आरोपियों को अधिकतम सजा मृत्युदंड दिए जाने की मांग की थी। सीबीसीआईडी ने कोर्ट में पूर्व सांसद व आजमगढ़ जिले के दीदारगंज थाना अंतर्गत सरावां निवासी उमाकांत यादव समेत कुल 6 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप है कि इन सभी ने 4 फरवरी 1995 को जीआरपी चौकी पर फायरिंग कर कांस्टेबल अजय सिंह की हत्या की थी.
पूर्व सांसद पर आरोप है कि 1995 में उन्होंने जौनपुर के शाहगंज स्टेशन पर सिपाही की हत्या कर दी थी. इसके अलावा कांस्टेबल लल्लन सिंह, निर्मल वाटसन, भरत लाल को गोली मारकर घायल कर दिया था. आरोप है कि राजकुमार को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ा लिया था. सीबीसीआईडी की विवेचना में आरोप सही पाए गए. वहीं अब इस मामले में आज सजा सुनायी जाएगी.
वर्ष 2004 में उमाकांत यादव जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा सीट से बसपा की टिकट पर सांसद चुने गए थे. जेल में रहते हुए ही उमाकांत यादव ने चुनाव जीत लिया था. यूपी में 2007 में मायावती की सरकार बनी. इस दौरान उमाकांत पर महिला का घर गिराने का आरोप लगा, जिसमें वह फरार थे.मायावती ने उमाकांत को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया. इस दौरान सीएम आवास के सामने तैनात पुलिस ने उमाकांत यादव को धर दबोचा और जेल भेज दिया गया.