UP News: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में गुरुवार को वादी पक्ष ने अदालत में प्रतिवादी पक्ष पर ईदगाह में कथित रूप से साक्ष्यों को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ समिति बनाए जाने की मांग की है. यह मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की सिविल जज प्रवर वर्ग की अदालत में पिछले साल से चल रहा है.
गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति की ओर से एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने पिछले साल अदालत से श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति एवं शाही ईदगाह के बीच 1968-69 में हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने और श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह को हटाकर सम्पूर्ण 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को दिलाने की मांग की थी.
पीटीआई के मुताबिक, वादी के अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि वादी पक्ष का दावा है कि ईदगाह का ढांचा वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर है, न कि मस्जिद. इसलिए इसकी भी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष द्वारा दावा दखिल करने के बाद भी मस्जिद से उन साक्ष्यों को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, जिनसे केस में कुछ मदद मिल सकती है. लिहाजा इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति तैयार की जानी चाहिए, जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के वरिष्ठ राजपत्रित अधिकारी जरूर शामिल हों.
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वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत में उन्होंने अमीन रिपोर्ट मंगवाने की मांग की है. अब इस संबंध में 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इसी अदालत में शैलेन्द्र सिंह एवं अन्य, मनीष यादव व पंकज शास्त्री की ओर से दायर वाद में भी सुनवाई 18 अक्टूबर को जाएगी.
Posted By: Achyut kumar