Uttar Prdesh News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि चुनाव के दौरान बिना वजह शस्त्र जमा करने के लिए बाध्य न करने के आदेश का पालन किया जाए. इस बारे में पहले पारित आदेश का पालन किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने राजापुर प्रयागराज के निवासी अधिशासी अधिकारी और बख्शी एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष अनीस अहमद की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है. उसने अपनी सुरक्षा के लिए लाइसेंसी पिस्टल रखा है.
हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जब तक आपराधिक केस की ठोस वजह न हो, किसी को चुनाव के दौरान शस्त्र जमा करने को बाध्य न किया जाए. इसके बावजूद उसे शस्त्र जमा करने को कहा जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक केसों पर विचार कर लिखित आदेश दिया जाए. अनावश्यक शस्त्र जमा न कराए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक केसों पर विचार कर लिखित आदेश दिया जाए. अनावश्यक शस्त्र जमा न कराये जाय. कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि सर्कुलर जारी कर सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को आदेश का पालन करने का निर्देश दें.
Also Read: UP Chunav 2022: चुनाव से पहले आजम खान को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत की अर्जी
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस हथियारों को अपने पास जमा करा रही है. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी और अंतिम फेज का मतदान 7 मार्च को होगा. चुनाव परिणामों का ऐलान 10 मार्च को किया जाएगा. एक महीने तक चलने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सियासी संग्राम में 15.2 करोड़ मतदाता कुल 403 सीटों के प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे.