Lucknow News: उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को विभागीय कार्यों में रुचि न लेने के आरोप में पद से हटा दिया गया है. डीजीपी पद से हटाने के बाद उन्हें डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है. इस बीच एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार को राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति तक डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. अब नई तैनाती को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है. ऐसे में जनना दिलचस्प हो जाता है कि आखिर प्रदेश का नया डीजीपी कौन होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए पुलिस महानिदेशक (DGP) की रेस में सबसे आगे डीजी इंटेलीजेंस डॉ. डीएस चौहान का नाम माना जा रहा है. चौहान 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह 15 फरवरी 2020 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा चौहान के पास यूपी सतर्कता अधिष्ठान (विलेंलेंस) के निदेशक का भी कार्यभार है. सबसे अहम बात यह कि जिनका नाम रेस में सबसे आगे माना जा रहा है, वह वरिष्ठता में चार आईपीएस अफसरों के बाद आते हैं.
डीजी नागरिक सुरक्षा पद पर कार्यरत बिश्वजीत महापात्रा को डीजी कोऑपरेटिव सेल के पद पर भेजा गया है. दरअसल, मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. डीजी नागरिक सुरक्षा बिश्वजीत महापात्रा भी इसी बैच के अधिकारी हैं. इसके बाद के वरिष्ठका क्रमांक पर नजर डाली जाए तो, 1988 बैच में पांच आईपीएस हैं, जिसमें डॉ. राज कुमार विश्वकर्मा सबसे आगे आता है जोकि प्रदेश में पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं. इसके बाद डीजी इंटेलीजेंस डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान हैं.
इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पद पर तैनात अनिल कुमार अग्रवाल, डीजी जेल आनंद कुमार और डीजी होमगार्ड्स विजय कुमार भी इसी बेच के अधिकारी हैं. अब देखने वाली बात है कि सरकार 1987 और 1988 बैच के अफसरों में किस एक अधिकारी को डीजीपी नियुक्त करने का फैसला लेती है. फिलहाल, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार को राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति तक डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.