दो तरीके से लिखा जाता है यूपी के इस जिले का नाम, अब लोग कर रहे बदलने की मांग, जानें क्या है वजह
यूपी के एक जिले का नाम दो तरीकों से लिखा जाता है. इसका नाम केंद्र सरकार अलग लिखती है तो राज्य सरकार अलग. यही वजह है कि यहां की जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधि जिले का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं.
Mirzapur Name Change News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इन दिनों जिलों से लेकर स्टेशनों तक के नाम बदले जा रहे हैं. कई जिलों के नाम बदलने की मांग लोगों और जन प्रतिनिधियों के द्वारा की जा रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि यूपी (UP) का एक जिला ऐसा भी है, जिसका नाम दो तरीकों/तरह से लिखा जाता है. इस जिले का नाम केंद्र सरकार अलग लिखती है तो यूपी सरकार अलग. यही वजह है कि यहां की जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधि जिले का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं.
मां विंध्यवासिनी के नाम पर हो जिले का नाम
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर जिले (Mirzapur District) की, जिसका नाम केंद्र सरकार के दस्तावेजों में मिर्जापुर और राज्य सरकार के दस्तावेजों में मीरजापुर है. यही कारण है कि इसका नाम बदलने की मांग लगातार हो रही है. लोगों का कहना है कि मिर्जापुर का नाम बदलकर विंध्य धाम (Vindhya Dham) या विंध्याचल (Vindhyachal) होना चाहिए क्योंकि मां विंध्यवासिनी यहीं पर विराजमान हैं. लोगों में मां विंध्यवासिनी देवी के प्रति अगाध आस्था और विश्वास है.
पहले गिरिजापुर था मिर्जापुर का नाम
बताया जाता है मिर्जापुर प्राचीन काल से अति सम्पन्न और समृद्धशाली राज्य रहा है. पहले यह गिरिजापुर नाम से जाना जाता था, जिसका मतलब होता है- पार्वती का नगर. इसलिए इसका नाम मां विंध्यवासिनी के नाम से हुआ था. जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आई तो उसका कारोबार कोलकाता से लेकर दिल्ली तक फैलता ही जा रहा था. उस समय कंपनी के अफसरों को मध्य भारत में भी अपना व्यापार फैलाने की आवश्यकता महसूस हुई. इसके लिए उन्होंने गंगा किनारे स्थपित कई इलाकों का दौरा किया, जिसके बाद उन्हें विंध्याचल का इलाका काफी पसंद आया. सन 1735 में लार्ड मर्क्यूरियस वेलेस्ले नाम के एक अंग्रेज अफसर ने इस क्षेत्र की स्थापना मिर्जापुर नाम से की.
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अग्रेजों ने रखा ‘मिर्जापुर’ नाम
मिर्जा शब्द अंग्रेजी शब्दकोश में 1595 में जुड़ा, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- राजाओं का क्षेत्र. इस शब्द की व्युत्पत्ति अमीर एवं ज़ाद को मिलाकर बनाए शब्द अमीरजादा से हुई. पर्शिया में अमीरजादा के लिए एक शब्द मोरजा भी है. अतः अंग्रेजों ने अपने क्षेत्र विस्तार के समय मिर्जा शब्द को उपाधि की तरह उपयोग किया तथा क्षेत्र का नाम ‘मिर्जापुर’ रख दिया.
मिर्जापुर के नाम को लेकर भ्रम की स्थिति में लोग
भाजपा की योगी सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री रामशंकर पटेल (Minister of State Ramshankar Patel) मिर्जापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने भी मिर्जापुर का नाम बदलने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिले का नाम लिखने में ही भ्रम की स्थिति है. प्रदेश में ही जिले के नाम को अधिकांश लोग नहीं जानते. उन्हें विंध्याचल धाम बताना पड़ता है, तभी वह जिले को समझ पाते हैं.
विंध्य धाम हो जिले का नाम
ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि जब फैजाबाद का नाम अयोध्या हो सकता है तो मिर्जापुर का नाम भी बदलकर विंध्यधाम होना चाहिए, क्योंकि विंध्याचल के नाम से यह जिला जाना भी जाता है. उन्होंने कहा कि मुगलों के जमाने के इस नाम को बदला जाना चाहिए और इसका नाम विंध्य धाम रखा जाए.जनता भी इसकी पक्षधर है.
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विंध्य धाम के लिए चले मुहिम
वहीं, बीजेपी के नगर विधायक रतनाकर मिश्रा का कहना है कि हम बहुत पहले से ही मिर्जापुर का नाम बदलकर विंध्य धाम करने की मांग करते चले आ रहे हैं. सोशल मीडिया से लेकर हर प्लेटफार्म पर हम मिर्जापुर की जगह विंध्य धाम लिखने की अपील करते हैं. इसके लिए एक मुहिम चलनी चाहिए. वैसे भी वेब सीरीज मिर्जापुर के चलते जिले का नाम काफी बदनाम हो चुका है.
कई जिलों का नाम बदलने की हो रही मांग
बता दें, उत्तर प्रदेश में इन दिनों कई जिलों का नाम बदलने की मांग की जा रही है. इनमें अलीगढ़, मैनपुरी, सम्भल, फिरोजाबाद, सहारनपुर और सुल्तानपुर समेत कई जिले शामिल हैं.
Posted by: Achyut Kumar