UP Assembly Elections 2022: निषाद पार्टी (Nishad Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने कहा है कि वे उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव (2022 Assembly election in Uttar Pradesh) बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने दावा किया कि चुनाव में जीत उनकी होगी और बीजेपी के साथ मिलकर वे सरकार बनाएंगे. संजय निषाद ने सोमवार की रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (BL Santosh) से मुलाकात की थी.
Nishad Party will contest the 2022 Assembly elections in Uttar Pradesh in alliance with BJP. We will win and form the government with BJP: Nishad Party chief Sanjay Nishad pic.twitter.com/34wbbd06FG
— ANI (@ANI) September 7, 2021
जेपी नड्डा के आवास पर हुई इस मुलाकात में यूपी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के साथ ही बीजेपी गठबंधन को जीत दिलाने की रणनीति पर चर्चा हुई. संजय निषाद के मुताबिक, बैठक में उनकी पार्टी की सभी मांगों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सहमति जताई है. खासतौर से मझवार समुदाय के लोगों द्वारा उपनाम के तौर पर मांझी, केवट, मल्लाह, गोंड, राजगोंड आदि लिखने पर भी उन्हें मझवार जाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था को लागू करने को लेकर निर्णायक चर्चा हुई है.
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निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अभी सीटों को लेकर बात नहीं हुई है. जल्द ही बीजेपी हाईकमान के साथ अगली बैठक होगी, जिसमें सीटों के बंटवारे समेत अन्य मुद्दों पर भी अंतिम फैसला लिया जाएगा. कुछ दिन पहले, संजय निषाद ने कहा था कि 2022 में उसी पार्टी की सरकार बनेगी, जो उनकी पार्टी के साथ रहेगी. उन्होंने दावा किया था यूपी (UP) में हमारी पार्टी का 160 सीटों पर प्रभाव है. हमने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी से बात की है.
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बता दें, संजय निषाद की पार्टी का पूर्वांचल में खासा प्रभाव है. मौजूद समय में उनके पुत्र प्रवीण निषाद संतकबीरनगर जिले से सांसद हैं. वहीं संजय निषाद के भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. उन्होंने बीते दिनों दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर चुके हैं.
मोदी सरकार के मंतिरमंडल विस्तार में अपने बेटे और संतकबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद को शामिल नहीं करने पर संजय निषाद ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि प्रवीण निषाद उनके बेटे जरूर हैं, लेकिन वे बीजेपी के सांसद हैं. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनको मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा था कि अगर कुछ सीटों पर प्रभाव रखने वाले अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है तो 160 सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समाज के बेटे को भी मौका दिया जाना चाहिए था. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि निषाद समाज पहले से ही बीजेपी से कटा-कटा नजर आ रहा है. उस पर अगर बीजेपी अपनी गलती नहीं सुधारती है तो इसकी कीमत उसे 2022 के विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है.
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निषाद पार्टी की स्थापना 2016 में हुई थी. निषाद का अर्थ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (Nirbal Indian Shoshit Hamara Aam Dal) है. पार्टी का गठन निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड और अन्य समुदायों के सशक्तिकरण के लिए किया गया है, जिनके पारंपरिक व्यवसाय नदियों पर केंद्रित हैं. जैसे- नाविक और मछुआरे. इसके संस्थापक संजय निषाद हैं, जो बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सदस्य हैं.
Posted by : Achyut Kumar