Loading election data...

संजय निषाद ने कहा- हम बीजेपी में हैं, आगे भी रहेंगे, क्या आलाकमान मानेगा उनकी यह शर्तें ?

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि वे बीजेपी में हैं और आगे भी रहेंगे. हालांकि उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं. अब देखने वाली बात होगी कि उनकी शर्ते बीजेपी आलाकमान मानता है या नहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2021 6:42 PM
an image

UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election से पहले निषाद (NISHAD) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, हैं और आगे भी रहेंगे. हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने तेवर भी दिखाए और कहा कि 2022 में उसी पार्टी की सरकार बनेगी, जो निषाद पार्टी के साथ रहेगी. संजय निषाद ने कहा कि यूपी में हमारी पार्टी का 160 सीटों पर प्रभाव है. हमने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी से बात की है.

निषाद पार्टी का पूर्वांचल में है खासा प्रभाव

बता दें, संजय निषाद की पार्टी का पूर्वांचल में खासा प्रभाव है. मौजूद समय में उनके पुत्र प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से सांसद हैं. वहीं संजय निषाद के भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हैं. वे दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर चुके हैं. उस समय उन्होंने उनके सामने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था.

Also Read: सहारनपुर की इस विधानसभा सीट पर सपा और BJP के बीच रहती है कांटे की टक्कर, मुस्लिम वोटर लिखते हैं जीत की इबारत
संजय निषाद ने क्यों कहा, हम भाजपा के साथ हैं

दरअसल, पिछले दिनों मोदी सरकार के मंतिरमंडल विस्तार में अपने बेटे और संतकबीरनगर से सांसद प्रवीण निषाद को शामिल नहीं करने पर संजय निषाद ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि प्रवीण निषाद उनके बेटे जरूर हैं, लेकिन वे बीजेपी के सांसद हैं. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उनको मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलनी चाहिए थी. उन्होंने कहा था कि अगर कुछ सीटों पर प्रभाव रखने वाले अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है तो 160 सीटों पर प्रभाव रखने वाले निषाद समाज के बेटे को भी मौका दिया जाना चाहिए था.

Also Read: UP Elections 2022: बूथ स्तर पर ही विपक्ष के बड़े नेता चारों खाने होंगे चित्त, BJP ने बनायी खास रणनीति
…तो बीजेपी को 2022 में कीमत चुकानी पड़ेगी

इसके अलावा, संजय निषाद ने कहा था कि निषाद समाज पहले से ही बीजेपी से कटा-कटा नजर आ रहा है. उस पर अगर बीजेपी अपनी गलती नहीं सुधारती है तो इसकी कीमत उसे 2022 के विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी तो हम बीजेपी के साथ हैं, लेकिन अगर बीजेपी ऐसे ही निषादों की अनदेखी करती रही तो आने वाले समय में हम अपनी रणनीति पर फिर से विचार करेंगे.

बीजेपी सरकार के सामने रखी मांगें

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने बीजेपी सरकार के सामने कुछ मांगे रखी हैं. इसमें, हर जिले में हर जाति के लिए कोचिंग सेंटर बनाना, गरीबों के लिए बैकलॉग की व्यवस्था करना, आर्थिक आधार पर बैकलॉग का पद भरना, निषादों को आरक्षण देना, ताल घाट को वापस करना और निषाद राज व भगवान राम के मिलन के प्रसंग को पाठ्यक्रम में शामिल होना, मुख्य मांगें हैं. इसके अलावा उन्होंने मांग की, कि जिस तरह से बीजेपी नेताओं पर चल रहे मुकदमों को वापस लिया गया, उसी तरह निषाद कार्यकर्ताओं पर भी चल रहे मुकदमों को वापस लिया जाए.

सपा और बसपा पर साधा निशाना

इस दौरान संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा का दोहरा चरित्र रहा है. उसे दूसरों पर उंगली उठाने से पहले खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए. वहीं बसपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब थानों पर दलितों के साथ अत्याचार हो रहा था तब अपने आप को दलित की बेटी कहने वाली मायावती कहां थीं? कुर्ते का रंग बदल कर बहुत लोगों ने जनता से वोट लिया है, अब ऐसा नहीं चलेगा.

Also Read: BJP पर प्रियंका का वार- गन्ने की कीमत 400 रुपये करने का वादा कर सत्ता में आयी योगी सरकार ने कुछ नहीं किया
2016 में हुई स्थापना

निषाद पार्टी की स्थापना 2016 में हुई थी. निषाद का अर्थ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (Nirbal Indian Shoshit Hamara Aam Dal) है. पार्टी का गठन निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड और अन्य समुदायों के सशक्तिकरण के लिए किया गया है, जिनके पारंपरिक व्यवसाय नदियों पर केंद्रित हैं. जैसे- नाविक और मछुआरे. इसके संस्थापक संजय निषाद हैं, जो बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सदस्य हैं.

Posted by : Achyut Kumar

Exit mobile version