BHU में भाजपा नेता के खिलाफ लगे विवादित पोस्टर, इस बात से नाराज हैं छात्र
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान के खिलाफ कला संकाय के आस-पास आपत्तिजनक पोस्टर लगाए जाने को लेकर छात्रों ने कहा है कि हमे पिछले 6 महीने से स्कॉलरशिप नही मिली है इसलिए इन पोस्टरों का हम समर्थन करते हैं.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान के खिलाफ कला संकाय के आसपास सावरकर विद्यार्थी मंच द्वारा अप्पतिजनक पोस्टर लगाया गया है. इन पोस्टरों पर लिखा है कि ” योगी जी तुमसे बैर नहीं धमेंद्र प्रधान तेरी खैर नहीं. इन पोस्टरों को चस्पां करने वालो का पता नहीं है. इन पोस्टरों पर शोध छात्रों की स्कॉलरशिप सम्बन्धी समस्याओं को भी लिखा गया है. पिछले 6 महीनों से रिसर्च स्कॉलर को स्कॉलरशिप नही मिली है. इस तरह के पोस्टरों को लेकर छात्रों ने समर्थन दिया है मगर विश्वविद्यालय प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर जरूर प्रश्नचिन्ह लग गया है.
केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ लगे पोस्टर
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान के खिलाफ कला संकाय के आस-पास आपत्तिजनक पोस्टर लगाए जाने को लेकर छात्रों ने कहा है कि हमे पिछले 6 महीने से स्कॉलरशिप नही मिली है इसलिए इन पोस्टरों का हम समर्थन करते हैं। इसके अलावा हम छात्रों की मांग है कि हमे मिलने वाली शोध छात्रवृत्ति को भी बढ़ाना चाहिए. नेट फेलोशिप मात्र 8 हजार रुपये है इसे बढ़ाया जाना चाहिए साथ ही इस पोस्टर पर लिखे पीडीएफ राशि को भी बढ़ाये जाने की मांग जायज है, बस इस पोस्टर पर लिखे अप्पतिजनक शब्दो का हम लोग समर्थन नही करते.
Also Read: Varanasi News: पठानकोट में संदिग्ध अवस्था में जवान की मौत, परिजनों ने अंत्येष्टि करने से किया इनकार
इस बात से नाराज छात्र हैं छात्र
शोध छात्र रजनीश मिश्र ने बताया कि सावरकर विद्यार्थी मंच ने जो मुद्दे इन पोस्टर के जरिए उठाया है वो बिल्कुल जायज है और हम उनका समर्थन करते हैं. इन पोस्टरों पर लिखा है कि नॉन नेट फेलोशिप अभी भी 8 हजार रुपये ही है जबकि आज के वक़्क्त में फोटोकॉपी का दाम 50 पैसे से बढ़कर 2 रुपया हो गया है. ऐसे में इतने कम छात्रवृत्ति में एक गुणवत्ता परक शोध कर पाना मुश्किल है। इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से मैं सावरकर विद्यार्थी मंच द्वारा उठाये गए इन मुद्दों को लेकर धन्यवाद करना चाहूंगा.बीएचयू में लगे पोस्टर पर ये बड़ा सवाल ये उठता है कि विश्वविद्यालय अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमेशा चौकन्ना रहता है फिर भी ये पोस्टर कैसे चिपकाया गया.