UP News: खुद को एलानिया ठग घोषित करने वाले ‘ठग्गू के लड्डू’ के मालिक प्रकाश पांडेय का 60 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे. मंगलवार को सुबह 7 बजे अपने सिविल लाइन्स स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. प्रकाश पांडेय पहले ऐसे व्यवसायी थे, जिन्होंने अपनी दुकान पर ‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं’ लिखवाया था. देश भर में उनके लड्डू का जो शोर मचा, उसने उनको बुलंदियों पर पहुंचा दिया.
प्रकाश पांडेय के ‘ठग्गू के लड्डू’ ने बॉलीवुड तक का ध्यान अपनी ओर खींचा. खोये, रवा और ड्राई फ्रूट्स से बनने वाले इन लड्डुओं का स्वाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ व परवेज मुशर्रफ तक ले चुके हैं. मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन की शादी में भी मेहमानों ने इन लड्डुओं का स्वाद चखा था.
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पिछले कई दशक से कानपुर समेत देश के तमाम शहरों में ‘ठग्गू के लड्डू’ नाम से मिठाई की दुकान चलाने वाले प्रकाश पांडेय को ‘बदनाम कुल्फी’ ने खूब शोहरत दी. कहा जाता है कि ठगों पर बनी फिल्म ‘बंटी और बबली’ इसी दुकान से प्रेरित थी. साल 2005 में कानपुर में शूटिंग के दौरान यह दुकान फिल्म का हिस्सा बनी थी. फिल्म का ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं’ गाना इसी दुकान की थीम से लिया गया था.
‘ठग्गू के लड्डू’ दुकान के बेढंगे नाम के पीछे की कहानी के बारे में खुद प्रकाश पांडेय ने बताया था. उन्होंने कहा कि उनके पिता रामावतार पांडेय गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले थे. उनको गांधी जी की बात याद थी कि शक्कर मीठा जहर है और लड्डू व कुल्फी में शक्कर का भरपूर उपयोग होता है. जब दुकान खोली तो उन्होंने धंधे में इसे बेईमानी माना और अपने आपको ‘ठग्गू’ कहना शुरू कर दिया.
भीतरगांव के एक गांव से किसानी के काम से बचते हुए 13 साल की उम्र में भागे रामावतार ने भाग-भागकर कारोबार के ऐसे हुनर सीखे कि अपने लजीज लड्डुओं का स्वाद सबकी जुबान पर चढ़ा दिया, लेकिन विदेश तक अपने इस अजब ब्रांड की धाक जमाने में उनके बेटे प्रकाश पांडेय की मेहनत रंग लाई.
Posted By : Achyut Kumar