Lucknow News: चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी समेत पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया है. अदालत ने सभी दोषियों को छह माह की परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रहने का आदेश देते हुए रिहा कर दिया. रीता जोशी पर समय समाप्त होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने का आरोप है.
कोर्ट ने कहा कि छह माह की साधारण परिवक्षा पर अच्छा चाल चलन बनाए रखने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष जाकर 20-20 हजार की दो जमानतें और इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करेंगे. कोर्ट ने रीता बहुगुणा जोशी, मनोज चौरसिया, राम सिंह, संजय यादव और प्रभा श्रीवास्तव को आदेश दिया की वह 30 दिन के अन्दर जिला प्रोबेशन अधिकारी के सामने हाजिर होंगे. परिवीक्षा अवधि प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष उपस्थिति के दिन से मानी जाएगी.
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के वर्ष 2012 के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सांसद रीता बहुगुणा जोशी कोर्ट में पेश हुईं थी. इस दौरान कोर्ट ने जोशी को हिरासत में ले भी लेने का आदेश दिया. रीता बहुगुणा जोशी वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदर थीं.
स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी की ओर से थाना कृष्णा नगर में 17 फरवरी 2012 को रिपोर्ट दर्ज में कहा गया कि उन्हें सूचना मिली थी कि बजरंग नगर मोहल्ला में रीता बहुगुणा जोशी चुनाव प्रचार का समय समाप्त होने के बावजूद जनसभा कर रही हैं. मामले में पुलिस ने 17 जून 2012 को चार्जशीट दाखिल की थी. वहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक आरोपी शकील अहमद की मौत हो गई.