Yogi Adityanath सरकार का सख्त फैसला सड़क किनारे बनाये गये मंदिर-मस्जिद हटाये जायेंगे, इस तरह किया जायेगा स्थानांतरित

Yogi Adityanath News : उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों, गलियों तथा फुटपाथ पर बने धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश देते हुए कहा है कि एक जनवरी 2011 और उसके बाद से इस तरह का कोई निर्माण कराया गया है तो उसे फौरन हटा दिया जाये. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों (राजमार्गों सहित), गलियों, फुटपाथों, सड़क के किनारों, लेन आदि पर धार्मिक प्रकृति की कोई संरचना निर्माण की अनुमति कतई न दी जाए.

By Rajneesh Anand | March 12, 2021 11:15 AM

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सड़क किनारे बने मंदिर -मजिस्दों को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सरकार की ओर से यह कहा गया है कि धार्मिक स्थल के नाम पर सड़क का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इस संबंध में 14 मार्च तक रिपोर्ट मांगी गयी है और सभी जिला अधिकारियों और मंडलायुक्तों को अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है.

Also Read: How to transfer EPF online : जानिए घर बैठे कर सकते हैं ईपीएफ ऑनलाइन ट्रांसफर
2011 के बाद बनाये गये मंदिर-मस्जिद को हटाया जायेगा

उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों, गलियों तथा फुटपाथ पर बने धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश देते हुए कहा है कि एक जनवरी 2011 और उसके बाद से इस तरह का कोई निर्माण कराया गया है तो उसे फौरन हटा दिया जाये. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों (राजमार्गों सहित), गलियों, फुटपाथों, सड़क के किनारों, लेन आदि पर धार्मिक प्रकृति की कोई संरचना निर्माण की अनुमति कतई न दी जाए.

जिम्मेदार व्यक्तियों की जमीन पर हस्तांतरित की जायेगी संरचना

अगर कोई धार्मिक स्थल 2011 के बाद बना होगा तो उसे योजना बनाकर संबंधित धार्मिक संरचना के अनुयायियों अथवा इसके प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा प्रस्तावित निजी भूमि (जो उनके समुदाय की होगी) पर छह माह के भीतर स्थानांतरित कर दिया जाएगा अथवा उसे हटा दिया जाएगा. इस संबंध में प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्ध नगर व लखनऊ, समस्त परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक, समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किया गया है.

दो माह के अंदर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे

सभी जिला अधिकारी इसकी अनुपालन रिपोर्ट संबंधित प्रमुख सचिव या सचिव को देंगे तथा वह एक विस्तृत ब्योरा अगले दो माह में मुख्य सचिव को सौंपेंगे. यह निर्देश उच्च न्यायालय के आदेश पर जारी किए गए हैं. निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अगर इस आदेश के पालन में कोई भी लापरवाही या अवज्ञा होती है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे. इन आदेशों की अवज्ञा जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना होगी, जो आपराधिक अवमानना मानी जाएगी.

Also Read: Bengal Election 2021 LIVE Update : ‘मैं नंदीग्राम का बेटा और वोटर दोनों हूं’- पर्चा दाखिल करने से पहले Suvendu Adhikari का ममता बनर्जी पर वार

Posted By : Rajneesh Anand

Next Article

Exit mobile version