ग्रेटर नोएडा में कोरोना के बावजूद निजी स्कूलों के प्रबंधनों की मनमानी जोरों पर है.नये-नये नियमों को जोड़ते हुए 20 से 25 फीसदी फीस बढ़ा दी गयी है.अभी लोगों की नौकरी पर संकट है और स्कूल के इन फैसलों से अभिभावक परेशान हैं.अभिभावकों के पास प्रबंधन की तरफ से लगातार फोन और मेसेज आ रहे हैं.फीस जमा न होने पर ऑनलाइन क्लास रोकने का दवाब बनाया जा रहा है.
शासन स्तर से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए अभिभावकों की अनुमति पर ऑफलाइन क्लास शुरू करने के लिए आदेश दिए गए थे.जबकि अन्य क्लास के बच्चों के लिए ऑफलाइन पढ़ाई की अनुमति नहीं दी गई है.जिले के कई प्राइवेट स्कूलों में क्लास शुरू हो गई है, जबकि कई में संक्रमण के चलते एक भी बच्चा नहीं पहुंचा है.
अभिभावक अर्चना का कहना है कि मेरा बेटा शहर के एक नामी स्कूल में पढ़ाई कर रहा है.स्कूल प्रबंधन फीस के साथ ही एनुअल चार्ज को जोड़कर पांच महीने की एक साथ देने का प्रेशर बना रहे हैं.जबकि कोरोना काल में ट्यूशन फीस के आलावा अन्य तरफ से फीस न लेने की आदेश दिए गए हैं.अचानक 20 से 25 फीसदी बढ़ी हुई फीस देना हर मां-बाप के लिए मुश्किल भरा है.ऐसे ही कई स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है.
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अभिभावक एडवोकेट आदित्य भाटी ने बताया कि संक्रमण के दौर में जब से स्कूल बंद है, तब से अभिभावकों पर समस्या का पहाड़ टूट गया है.क्लास ऑनलाइन चलने के नाम पर विभिन्न तरह की चीजों को जोड़कर उसकी रकम अभिभावकों से ली जा रही है.शिक्षा विभाग को प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ काईवाई करनी चाहिए.
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने मामले पर कहा है कि कोरोना काल में फीस को लेकर अभिभावकों पर प्रेशर न बनाने के स्कूलों को सख्त आदेश हैं.किसी भी स्कूल की फीस बढ़ाने की शिकायत मिली तो जांच की जाएगी.उन्होंने कहा कि फीस रेगुलेटरी कमिटी के नियमों की अवेहलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Posted by: Thakur Shaktilochan