देवोत्थानी एकादशी पर तुलसी विवाह के साथ ही हिंदू परंपरा में विवाह का दौर शुरू हो गया. सहालग की सीजन में पहली तिथि 25 नवंबर को होने की वजह से शादियों की धूम भी कोरोना संक्रमण के बीच खूब रही. इस दौरान विवाह में सात फेरों के सात वचन के साथ जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं का वचन भी दिलाया. कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में विवाह के दौरान दूल्हा और दूल्हन को मास्क लगवाने के साथ ही शादी के सात बचनों में कोरोना से बचाव की भी शपथ लोगों के बीच खूब चर्चा में रही.
विवाह शुभ मुहूर्त में शुरू हुआ तो परिजनों और दूल्हा-दूल्हन के साथ बराती और लडकी वाले भी काफी उत्साहित और उल्लास में डूबे रहे. हालांकि, इस दौरान कोरोना वायारस संक्रमण के दूसरे राउंड के खतरों को देखते हुए लोगों की संख्या कम रही और लोगों ने कुछ अपने खास चेहरों को भी बहुत मिस किया. बरातियों- घरातियों और दूल्हा दूल्हन ने जहां मास्क लगाया तो वहीं दो गज की दूरी का भी अनुपालन खूब नजर आया. बरातियों पर इत्र की जगह सैनिटाइजर छिड़का गया तो दूसरी ओर वैवाहिक रीति-रिवाजों के अनुपालन में भी कोरोना से बचाव का पूरा उपाय अपनाया गया.
जोड़ी और घोड़ी पर बरात निकली तो सभी के चेहरे पर मास्क दिखा तो उत्साह से सभी लबरेज भी नजर आए. वरमाला के आयोजन के बाद जब सात फेरों के समय सात वचन निभाने की बारी आयी तो विवाह संपन्न करा रहे पंडित हरिश्चंद्र ने सात वचनों से पूर्व एक अन्य वचन कोरोना वायरस से बचने का लेकर सभी को इस खतरनाक वायरस से बचने के प्रयायों को अपनाने की अपील की.
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पंचकुइयां स्थित माथुर वैश्य छात्रावास में चेतना सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में कुशल और कोमल के विवाह के दौरान जब सात वचनों की बारी आई तो पंडित हरिश्चंद्र ने वर कुशल को सात वचन से पहले अपनी जीवन संगिनी कोमल को मास्क लगाकर कोरोना से बचाव का वचन दिलवाया. इस बात को कुशल ने भी सहर्ष स्वीकार किया फिर उसके बाद ही सात फेरों के दूसरे सात वचन दिए. वहीं विवाह में मौजूद लोगों ने भी आठवां वचन निभाने और कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने की अपील को अपनाने पर जोर दिया
Posted by : Thakur Shaktilochan