Lucknow: यूपी निकाय चुनाव में बिना ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी आरक्षण को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गया है. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रो. राम गोपाल यादव, अपना दल की पल्लवी पटेल, शिवपाल यादव, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज यादव, कुर्मी युवा महासंघ के अध्यक्ष अनिल वर्मा ने इस पर त्वरित टिप्पणी की. हालांकि इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को बयानों को कुंद करते हुए बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने से मनाकर दिया. इससे विपक्ष को बैकफुट पर आना पड़ गया.
समाजवादी पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सबसे बड़ा महत्वपूर्ण मामला है. आज आरक्षण पर हमला हुआ है. सरकार जानबूझकर पिछड़ों को आरक्षण नहीं देना चाह रही है, वह सामने आ गया है. अभी तक तो हम लोग नौकरियों के लिये चिल्ला रहे थे कि नौकरियों को छीना जा रहा है. बाबा साहब के सपने को तोड़ रहे थे. सब प्राइवेट कर रहे हैं कंपनियां. एक-एक करके कंपनियां बेच रहे थे.
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अखिलेश यादव ने कहा कि जब सरकारी कंपनियां बिक जाएंगी. नौकरियां नहीं निकलेंगी तो अंतोगत्वा आरक्षण खत्म. यहां तो दिखाई दे गया कि सरकार सही से पैरवी करती तो आज पिछड़ों को आरक्षण मिलता. जातीय जनगणना बात हुई तो सपा इस पक्ष में थी. बीजेपी को कौन रोकता है कि जनगणना ना करें. सपा पक्ष में थी कि जनगणना हो. जातीय जनगणना से हर जाति को अपनी आबादी की जानकारी हो जाएगी. बीजेपी नहीं चाहती कि हर जाति को पता चल जाये कि उसकी संख्या कितनी है.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने निकाय चुनाव लड़ने के मुद्दे पर कहा कि पहले आरक्षण बचाओ फिर चुनावा लड़ो. यदि जरूरत पड़ी तो हमारी पार्टी के लोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अखिलेश यादव ने इस मामले में एक के बाद एक कई ट्वीट किये. उन्होंने लिखा कि ‘भाजपा हटाओ आरक्षण बचाओ’, ‘दानें बांटकर खेत लूटने वालों से बचें.’ ‘भाजपा की हार में आरक्षण की जीत है.’
पूर्व मंत्री व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की समाप्ति का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. सामाजिक न्याय की लड़ाई को इतनी आसानी से कमजोर होने नहीं दिया जा सकता है. आरक्षण पाने के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था, उससे बड़ा आंदोलन इसे बचाने के लिए करना पड़ेगा. कार्यकर्ता तैयार रहें.
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कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सामाजिक न्याय और पिछड़ा विरोधी है. हार के डर से भारतीय जनता पार्टी नगर निकाय चुनाव नहीं करना चाहती है. पिछड़े वर्गों के आरक्षण को नगर निकाय चुनाव में भाजपा खत्म करना चाहती है. भाजपा समर्थक और उसके अनुषांगिक संगठनों के लोगों के माध्यम से याचिकाएं डालकर भाजपा कोर्ट के माध्यम से ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाहती है.
मनोज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दलित पिछड़ा आदिवासी विरोधी संघ के एजेंडे को न्यायालयों के निर्णय के सहारे बैक डोर से लागू करना चाहती है. कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगी. सड़क से सदन तक पिछड़े वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी.
अपना दल नेता व विधायक पल्लवी पटेल ने ट्वीट किया कि मैं पहले भी कहती आई हूं कि ये संविधान विरोधी सरकार है. आज कोर्ट का फैसला मेरी इस बात पर मुहर लगा देता है. वरना 18-18 घंटे काम करने का वायदा करने वाली सरकार 6 महीने पहले आयोग बनाकर ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित नहीं कर सकती थी क्या? इस फैसले ने ओबीसी हकमारी में एक और अध्याय जोड़ दिया है.
कुर्मी युवा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल वर्मा ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा सरकार को आरक्षण खत्म करने के लिए पूरी तरीके से जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बगैर ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव की परिकल्पना भी व्यर्थ है. उत्तर प्रदेश सरकार ने साजिश के तहत माननीय उच्च न्यायालय में सही तथ्य जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किये, जिससे यूपी के पिछडों को आरक्षण से वंचित किया जा सके. अनिल वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने यदि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अनुपालन करते हुये ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित किया होता तो ओबीसी समाज के साथ न्याय होता. उन्होंने कहा कि प्रदेश का ओबीसी समाज भाजपा को कभी माफ नहीं करेगा.