Bareilly News: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 का सियासी रण जीतने की कोशिश में भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस महीनों से मेहनत में जुटे हैं. अब नगर निकाय चुनाव के बहाने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी सियासी जनाधार बढ़ाने की कोशिश में है, जिससे आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए सियासी जमीन तैयार की जा सके.
बरेली नगर निगम में मेयर प्रत्याशी के साथ ही 04 नगर पालिका और 15 नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन) प्रत्याशियों की भी तलाश है. इसके लिए संगठन पदाधिकारी जुट गए हैं.
यूपी की 763 नगर निकाय के चुनाव की अधिसूचना दिसंबर में लगने की उम्मीद है. यह चुनाव जनवरी 2023 तक संपन्न होगा. लेकिन, इसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो जाएगा. सियासी पार्टियां 2023 में ही लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर देंगी. इसलिए सभी सियासी दल यूपी नगर निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल मानकर तैयारी कर रहीं हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU लोकसभा चुनाव में बरेली लोकसभा सीट गठबंधन में लेने की कोशिश में है. जदयू बरेली लोकसभा सीट से सुलतानपुर की भाजपा सांसद मेनका गांधी एवं उनके पुत्र पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद वरुण गांधी को लड़ाने की कोशिश में है. इसलिए नगर निकाय चुनाव में सियासी जमीन तैयार कर जनाधार बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी गई है.
बरेली मेयर सीट पर प्रत्याशी के साथ ही नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन) पद के प्रत्याशियों को तलाश कर चुनाव लड़ाने की तैयारी है, जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिल सकेगा. उत्तर प्रदेश में स्थापित बड़े दलों के साथ ही बिहार के इन दोनों प्रमुख दलों ने चुनाव के मद्देनजर बिना ढोल पीटे सक्रियता बढ़ा दी है.
उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल की आंवला लोकसभा सीट 2004 लोकसभा चुनाव में भाजपा से जद यू को गठबंधन में मिली थी. इस सीट से जद यू प्रत्याशी सर्वराज सिंह चुनाव जीत चुके हैं. इसके साथ ही 1989 में यूपी की बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर तीसरी बार संसद पहुंचे थे. राजद ने भी 2007 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन, कोई सफलता नहीं मिल पाई थी.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली