UP Nikay Chunav: योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट में आज दायर करेगी SLP, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग

विधि विशेषज्ञों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट सरकार को आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर चुनाव कराने की अनुमति दे सकता है. इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2022 6:51 AM

Lucknow: योगी सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के खिलाफ आज सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर करेगी. सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया जाएगा.

आयोग की रिपोर्ट आने के बाद चुनाव की अपील

निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है. आयोग का गठन करने के बाद अब सरकार आज एसएलपी दायर करेगी. एसएलपी में सरकार उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह करेगी.

2 जनवरी को कोर्ट खुलने पर ही होगी सुनवाई

अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि आज एसएलपी दायर हो जाएगी. लेकिन, उस पर बहस 2 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय खुलने के बाद ही हो सकेगी. इससे पहले बुधवार को दिनभर नगर विकास विभाग और विधि विभाग के अधिकारी लखनऊ से दिल्ली तक एसएलपी दायर करने की तैयारी में जुटे रहे.

कोर्ट के फैसले को लेकर लगाए जा रहे अनुमान

विधि विशेषज्ञों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट सरकार को आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण का निर्धारण कर चुनाव कराने की अनुमति दे सकता है. इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है. हालांकि ये भी माना जा रहा है कि हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले की लाइन पर ही होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय एसएलपी को खारिज भी कर सकता है.

आयोग की रिपोर्ट के आधार पर होगा ओबीसी वर्ग का आरक्षण

स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए योगी सरकार ने बिजनौर में नजीबाबाद निवासी हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का निर्धारण होगा.

राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित

प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. इसमें रिटायर्ड आईएएस अफसर चौब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस अफसर महेंद्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को आयोग में शामिल किया गया है.

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ये हैं आयोग के सदस्य

आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी. आयोग में दो सेवानिवृत आईएएस अधिकारी और दो सेवानिवृत विधि अधिकारी सहित सभी पांच सदस्य पिछड़े वर्ग से लिए गए हैं. आयोग के अध्यक्ष राम अवतार सिंह और सदस्य चौब सिंह वर्मा जाट समाज से हैं. संतोष कुमार लुहार और ब्रजेश कुमार स्वर्णकार समाज से हैं. सेवानिवृत आईएएस अफसर महेंद्र कुमार चौरसिया समाज से हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे हैं राम अवतार सिंह

आयाग के अध्यक्ष सेवानिवृत जज राम अवतार सिंह की बात करें तो वह जनपद बिजनौर के नजीबाबाद निवासी हैं. शासन ने उनसे आयोग से संबंधित सहमति ली थी. राम अवतार सिंह मूलरूप से नजीबाबाद के गांव सराय आलम के रहने वाले हैं. उनके पिता स्वर्गीय कोमन सिंह किसान थे. किसान पुत्र राम अवतार सिंह बुलंदशहर, बलरामपुर और पीलीभीत में जिला जज रहे. 2011 में सेवानिवृत होने से पूर्व दो वर्ष तक हाईकोर्ट इलाहाबाद में जज रहे.

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