UP Health News: यूपी के शहरी अस्पतालों में अब रोजाना होगा बच्चों का टीकाकरण, 15 जनवरी से होगी शुरुआत
यूपी में विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन 9 से 20 जनवरी, 13 फरवरी से 24 फरवरी व 13 मार्च से 24 मार्च के बीच किया जाएगा. नियमित टीकाकरण की गतिविधियां प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध चलती रहेंगी.
Lucknow: यूपी के शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन नियमित टीकाकरण का आयोजन किया जाएगा. 15 जनवरी से जिला महिला चिकित्सालय, संयुक्त पुरुष चित्कित्सालयों एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूरे सप्ताह (रविवार से शनिवार) सुबह 8 बजे से 2 बजे तक टीकाकरण होगा. सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन 6 दिनों मंगलवार से रविवार (सोमवार को छोड़कर) तक नियमित टीकाकरण की सुविधा मिलेगी. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को आयोजित मीडिया कार्यशाला में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि भारत सरकार के दिसंबर 2023 तक खसरा उन्मूलन के लक्ष्य को गति देने के लिए जनवरी, फरवरी व मार्च 2023 में विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन किया जाएगा.
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शहरी क्षेत्र में पूर्ण टीकाकरण के विकास की दर कम
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि एक राष्ट्रीय सर्वे में पाया गया कि शहरी क्षेत्र में पूर्ण प्रतिरक्षण के विकास की दर ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा कम है. इसलिये शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रयसों की आवश्यकता को महसूस किया गया. अब से जिला चिकित्सालय एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों पर प्रतिदिन टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने यूपी में मीजल्स-रुबेला एलीमिनेशन रोडमैप की स्वीकार्यता का अनावरण और शहरी चिकित्सालयाओं में प्रतिदिन टीकाकरण की नवीन व्यवस्था का सांकेतिक शुभारंभ किया.
नियमित टीकाकरण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चलेगा
डिप्टी सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत वर्षों में किए गए कार्यों के परिणामस्वरूप प्रदेश में NFHS 4 के सापेक्ष NFHS 5 में पूर्ण प्रतिरक्षण की दर 51% से बढ़ कर लगभग 69.6% हुई है. यह प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे गुणवत्तापरक कार्यों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यूपी में विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन 9 से 20 जनवरी, 13 फरवरी से 24 फरवरी व 13 मार्च से 24 मार्च के बीच किया जाएगा. नियमित टीकाकरण की गतिविधियां प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध चलती रहेंगी.
7 लाख बच्चों ने नहीं ली मीजल्स रुबेला टीकाकरण की डोज
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि दिसंबर 2022 में सभी जिलों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के 0-5 वर्ष के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनकी टीकाकरण स्थिति का आंकलन किया गया. इसमें 0-5 वर्ष की आयु के 2.5 करोड़ बच्चे पाये गये. सर्वे में पाया गया कि इनमें से लगभग 5 लाख से अधिक बच्चों ने अपनी पेंटा-1 की खुराक और 7 लाख से अधिक बच्चों ने खसरा-रूबेला (Measles Rubella) टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है. इन छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण पूर्ण करने के यह आयोजन किया जा रहा है.
स्वस्थ जीवन व संपूर्ण टीकाकरण हर बच्चे का अधिकार
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस जकारी एडम ने कहा कि स्वस्थ जीवन और संपूर्ण टीकाकरण हर बच्चे एवं बच्ची का अधिकार है. जिन बच्चों का टीकाकरण पूर्ण होता है वे स्वस्थ रहते हैं. स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और अपनी क्षमता को पूरा करते हैं. जकारी एडम ने कहा कि पोलियो कैम्पेन की सफलता एवं कोविड की लड़ाई मीडिया के सहयोग के बिना संभव नहीं थी. खसरा और रूबेला उन्मूलन का लक्ष्य भी मीडिया के सहयोग से उत्तर प्रदेश सभी राज्यों से पहले हासिल कर सकता है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने कहा कि टीकाकरण सेवाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से ई-कवच पोर्टल को डिजाइन किया गया है. इसमें उन बच्चों या समूहों की पहचान की जा सकेगी जिनका टीकाकरण अधूरा रह गया है. यूनिसेफ की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. कनुप्रिया सिंघल ने टीकाकरण के प्रति विरोध व कम्यूनिटी मोबिलाइज़ेशन के विषय में चर्चा की. WHO के डॉ. मधुप बाजपई ने खसरा रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य के विषय में जानकारी दी. इस मौके पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. रेणु श्रीवास्तव वर्मा, एनएचएम के जीएम नियमित टीकाकरण डॉ. मनोज शुक्ला भी मौजूद थे.