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पंचायत चुनावों को देखते हुए 58 हजार गांवों में ‘जनसंवाद’ करेगी भाजपा
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केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को ग्राम चौपालों में पहुंचने की जिम्मेदारी
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हाई कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीख (Up Gram Panchayat Chunav 2021,Date) के ऐलान का इंतजार सभी को है लेकिन इससे पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने 58 हजार से अधिक ग्राम सभाओं में जनसंवाद करने का लक्ष्य रखा है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पंचायत चुनाव के लिए संगठन के प्रभारी व एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने बताया कि 18 मार्च तक पार्टी के नेता, केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री, सांसद व विधायक 58 हजार से अधिक ग्राम सभाओं में पहुंचकर जनसंवाद करेंगे और केंद्र और राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा करेंगे.
पाठक ने बताया कि भाजपा ने केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को ग्राम चौपालों में पहुंचने की जिम्मेदारी दी है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा को गांव-गांव में व्यापक समर्थन मिल रहा है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को लखनऊ के गंगागंज से ग्राम चौपाल अभियान का शुभारंभ किया.
उल्लेखनीय है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पद पर सीधे अपने उम्मीदवार नहीं उतार रही है, लेकिन जिला पंचायत सदस्य के लिए तीन हजार से अधिक सभी वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारेगी. इस चुनाव के जरिये भाजपा 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी जमीनी हकीकत का आकलन करेगी.
हाई कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक : इधर पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर शुक्रवार को सामने आई. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन चुनावों के लिए आरक्षण प्रकिया पर रोकने का काम किया है. दरअसल पंचायत चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था को अंतिम रूप देने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शुक्रवार को अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार व चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है.
Posted By : Amitabh Kumar