-
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर आरक्षण सूची जारी
-
15 मार्च को जारी होगी आरक्षण की अंतिम सूची
-
मार्च के आखिर सप्ताह में हो सकता है यूपी पंचायत चुनाव
पंचायत चुनावों (Panchayat Elections) के लिए आरक्षण की सूची (Reservation list) ज्यादातर जिलों में जारी करने का काम किया जा चुका है. जो जिले बच गये हैं उनमें सूची का इंतजार लोग कर रहे हैं जिसे आज जारी किया जा सकता है. जिला प्रशासन के द्वारा आरक्षण तय किये जाने से सैकड़ों लोगों को नि राशा हाथ लगी है क्योंकि वे इस चुनावों से बाहर हो गए हैं. वे अब इस बार का पंचायत चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं हैं.
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उनकी सीट जनरल से रिजर्व कोटे (Reserve quota) में आ गई है. यही वजह है कि ऐसे लोग इस चुनाव के लिए अपनी पात्रता खो चुके हैं. ऐसे लोग चुनाव प्रचार में लगे हुए थे और अभी तक चुनावों में जो खर्च किये गये पैसे हैं उस पर भी पानी फिर गया है.
राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाया : आरक्षण की सूची जारी होने के बाद हजारों गांव का राजनीतिक समीकरण बिगड़ चुका है. सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हुई है जो चुनाव की तैयारी में लगे हुए थे लेकिन, अब चुनाव से वे बाहर हो चुके हैं. सैकड़ों की संख्या में सीटों की स्थिति बदलती नजर आ रही है.
2015 का चुनाव : 2015 के चुनाव की बात करें तो इस वर्ष जो सीटें जनरल थीं उनमें से ज्यादातर की स्थिति बदल चुकी है. ये सीटें इस बार रिजर्व कोटे में चली गई है. रोटेशन के काण ये सीटें या तो एससी में चली गयी हैं या फिर ओबीसी में आ चुकी है. जो सीटें इन दो कैटेगरी से बच गयी हैं वे सामान्य महिला को दी गई है.
सन्नाटा पसरा : रिपोर्ट की मानें तो आरक्षण सूची के बाद गाज़ीपुर जिले की सेंवराई और मेदनीपुर ग्राम पंचायतों में सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है. ये दोनों ही सीट पिछले चुनाव में जनरल थी लेकिन, इस बार रिजर्व कोटे में चली गई है. ऐसे में यहां के ज्यादातर उम्मीदवार चुनाव से बाहर हो गये हैं.
अब क्या : अब सवाल उठता है कि आरक्षण सूची जारी से जिन्हें निराशा हाथ लगी है वे क्या करेंगे…तो ऐसे सभी लोग जो सीट के रिजर्व हो जाने से चुनाव से बाहर हो चुके हैं वे दूसरा विकल्प तलाशने में जुट गये हैं. हमेशा से पंचायत के चुनाव में ऐसा होने पर अपने किसी खास आदमी को चुनाव में उतारने की परंपरा है. निराश हुए लोगों के पास इस बार भी बस यही विकल्प नजर आ रहा है. आपको बता दें कि विधायक या सांसद जिला पंचायत के अध्यक्ष बनवाते नजर आते हैं.
15 मार्च को अंतिम सूची : आरक्षण सूची पर 8 मार्च कर आपत्तियां दर्ज करायी जा सकती है. 12 मार्च तक उनका निस्तारण किया जाएगा और अंतिम सूची का प्रकाशन 13 एवं 14 मार्च, 2021 को किया जाएगा. इधर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग मार्च के आखिरी सप्ताह में चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर सकता है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि यूपी पंचायत चुनाव चार चरणों में कराये जाएंगे. खबरों की मानें तो इस बार पंचायत चुनाव के लिए चार चरणों का मतदान बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले यानि 24 अप्रैल से पहले पूरा कराने का काम किया जाएगा.
Posted By : Amitabh Kumar