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कब होंगे पंचायत चुनाव ?
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कितनी सीटों पर होंगे पंचायत चुनाव ?
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इस बार चुनाव का स्वरूप क्या होगा ?
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. इधर सरकार की ओर से अंतिम आरक्षण सूची भी जारी कर दी गयी है. शासन ने इस प्रस्तावित सूची पर आठ मार्च तक आपत्तियां मांगी हैं. अंतिम सूची का प्रकाशन 13 एवं 14 मार्च, 2021 को किया जाएगा. यहां आपको हम पंचायत चुनाव को लेकर हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे.
सबसे पहला सवाल – कब होंगे पंचायत चुनाव ?
यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चुनाव कब होंगे ? तो इसके बारे में आपको बता दें कि अब तक तारीखों की घोषणा नहीं की गयी है, हालांकि हाई कोर्ट ने निर्देश दे दिया कि चुनाव 30 अप्रैल तक संपन्न करा लें. यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा से पहले चुनाव करा लेने की तैयारी में है.
कितनी सीटों पर होंगे पंचायत चुनाव ?
प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 विकास खंडों में प्रमुख क्षेत्र पंचायत और 58,194 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे.
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अब तक क्यों नहीं हुए चुनाव ?
लोगों के मन में ये भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जब पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल 25 दिसंबर को ही खत्म हो गये और ग्राम पंचायत को पूर्ण रूप से भंग कर दिये गये हैं, तो फिर अब तक चुनाव क्यों नहीं हो पाये. तो आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण और परिसीमन की वजह से अब तक पंचायत चुना में देरी हुई.
इस बार चुनाव का स्वरूप क्या होगा ?
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर इस बार चुनाव पेपरलेस कराये जाने की तैयारी हो रही है. मतदान से लेकर मतगणना तक सभी कार्य ऑनलाइन ही कराये जाएंगे.
क्या है आरक्षण की स्थिति ?
जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति संवर्ग में छह महिला समेत कुल 16 सीटें आरक्षित की गई हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग में सात महिला समेत कुल 20 सीटें आरक्षित की गई हैं जबकि महिलाओं के लिए 12 सीटों के अलावा 27 अन्य सीटें अनारक्षित की गई हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सभी वर्गों की मिलाकर महिलाओं के लिए कुल 25 सीटें आरक्षित की गई हैं.
देखें जिलावार आरक्षण की स्थिति
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अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी सूची के मुताबिक शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर और हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है.
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कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है.
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इसके अलावा संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किया या है.
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जबकि आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, आंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीरनगर, चंदौली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है.
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जारी सूची के अनुसार कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर और सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है.
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अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव और भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित किया गया है.
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सूची के मुताबिक ब्लॉक प्रमुखों के लिए कुल 826 सीटों में अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए चार सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल पांच सीटें आरक्षित की गई है जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 86 सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल 171 सीटें आरक्षित की गई हैं.
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इसी तरह ब्लॉक प्रमुख की अन्य पिछड़ा वर्ग में महिलाओं के लिए 97 सीटों समेत इस संवर्ग में कुल 223 सीटें आरक्षित की गई हैं. प्रदेश में 113 सीटें महिलाओं के लिए और 314 सीटें अनारक्षित हैं. सिंह के अनुसार प्रदेश में 58,194 ग्राम पंचायतों में से ग्राम प्रधान की 19,659 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं.