UP Panchayat Election 2021 : आरक्षण सूची जारी करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू, यहां जानें क्या है आरक्षण का फार्मूला…
UP Panchayat Election 2021: यूपी में पंचायत चुनाव की तिथि अभी तय नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्य आखिरी समय चल रहा है. इसी बीच गांवों के आरक्षण सूची की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. इसके लिए सभी विकास खंडों में जातीय आंकड़ों की ऑनलाइन फीडिग की जा रही है.
UP Panchayat Election 2021: यूपी में पंचायत चुनाव की तिथि अभी तय नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्य का आखिरी समय चल रहा है. इसी बीच गांवों के आरक्षण सूची की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. इसके लिए सभी विकास खंडों में जातीय आंकड़ों की ऑनलाइन फीडिग की जा रही है. आने वाले समय में होने वाले पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्यों का आरक्षण इसी के आधार पर तय होगा.
आरक्षण सूची के संबंध में पंचायती राज विभाग सभी विकास खंडों में जातीय आंकड़ों की फीडिग करवा रहा है. सभी विकास खंडों में ऑनलाइन फीडिग सीधे पंचायती राज मुख्यालय लखनऊ से जोड़ा गया है. विकास खंडों से केवल डाटा भरवाया जाएगा और आरक्षण का फार्मूला निदेशक पंचायती राज कार्यालय से किया जाएगा. यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में एक साथ लागू होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डाटा की फीडिंग की जा रही है. ऐसी संभावना है कि इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था ऑनलाइन होगी.
राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का होगा आकलन
पंचायत चुनाव को लेकर राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन होगा. वर्ष 2015 के निर्वाचन के समय क्या स्थिति थी और अब क्या है. वहीं सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों व राजस्वों में क्या स्थिति है, इसका आकलन किया जाएगा. इसके आधार पर ग्राम पंचायतों में आरक्षण दी जाएगी.
यहां जानें आरक्षण का नियम
वर्ष 2015 के चुनाव के बाद इस बार अब चक्रानुक्रम आरक्षण का यह दूसरा चक्र होगा. चक्रानुक्रम आरक्षण का अर्थ यह है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वो अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी. चक्रानुक्रम के आरक्षण के वरीयता क्रम में पहला नम्बर आएगा एसटी महिला. एसटी की कुल आरक्षित सीटों में से एक तिहाई पद इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. फिर बाकी बची एसटी की सीटों में एसटी महिला या पुरुष दोनों के लिए सीटें आरक्षित होंगी. इसी तरह एससी के 21 प्रतिशत आरक्षण में से एक तिहाई सीटे एससी महिला के लिए आरक्षित होंगी और फिर एससी महिला या पुरुष दोनों के लिए होगा.
इसके बाद ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में एक तिहाई सीटें ओबीसी महिला के लिए तय होंगी, फिर ओबीसी के लिए आरक्षित बाकी सीटें ओबीसी महिला या पुरुष दोनों के लिए अनारक्षित होगा. अनारक्षित में भी पहली एक तिहाई सीट महिला के लिए होगी. आरक्षण तय करने का आधार ग्राम पंचायत सदस्य के लिए गांव की आबादी होती है. ग्राम प्रधान का आरक्षण तय करने के लिए पूरे ब्लाक की आबादी आधार बनती है. ब्लाक में आरक्षण तय करने का आधार जिले की आबादी और जिला पंचायत में आरक्षण का आधार प्रदेश की आबादी बनती है.
बता दें कि किसी एक विकास खंड में 100 ग्राम पंचायतें हैं. वहां 2015 के चुनाव में शुरू 27 ग्राम प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए थे. अब इस बार के पंचायत चुनाव में इन 27 के आगे वाली ग्राम पंचायतों के आबादी के अवरोही क्रम में (घटती हुई आबादी) प्रधान पद आरक्षित होंगे. इसी तरह अगर किसी एक विकास खंड में 100 ग्राम पंचायतें हैं और वहां 2015 के चुनाव में शुरू की 21 ग्राम पंचायतों के प्रधान के पद एससी के लिए आरक्षित हुए थे तो अब इन 21 पदों से आगे वाली ग्राम पंचायतों के पद अवरोही क्रम में एससी के लिए आरक्षित होंगे.
News posted by : Radheshyam kushwaha