उत्तर प्रदेश में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों (up panchayat election 2021) के पहले हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आगामी ग्राम पंचायत चुनावों के मद्देनजर ग्राम प्रधानों के अधिकार छीनने और ग्राम पंचायतें चलाने के लिए प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है.
बुलंदशहर जिले में ग्राम प्रधान कृष्ण पाल और एक अन्य ग्राम प्रधान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने यह आदेश पारित किया. इन याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता महेश शर्मा ने अदालत को बताया कि 24 दिसंबर, 2020 को जारी अधिसूचना के जरिए सभी ग्राम प्रधानों के अधिकार छीन लिए गए और संबंधित जिले के सहायक विकास अधिकारी को प्रशासक के तौर पर नियुक्ति कर दिया गया.
शर्मा ने अपनी दलील में कहा कि ग्राम प्रधानों के अधिकार छीनने की अधिसूचना, चुनाव की अधिसूचना के बगैर जारी की गई जोकि उत्तर प्रदेश पंचायत राज कानून में उल्लिखित प्रावधानों के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार के वकील को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और इस मामले की अगली सुनवाई उसके बाद करने का आदेश दिया.
Posted By : Amitabh Kumar