UP Panchayat Chunav : यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण लिस्ट को लेकर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री ने कही यह बात
UP Panchayat Chunav : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. सूबे में चुनाव कराने की तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं.जानिए कितने चरण में चुनाव हो सकते हैं. आरक्षण को लेकर अपडेट आई है. up panchayat election 2021 latest updates
उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर सभी प्रत्याशियों ने कमर कस ली है. हालांकि नई आरक्षण सूची (Panchayat Chunav reservation list) के इंतजार में उम्मीदवार हैं जिसको लेकर ताजा अपडेट आया है. उत्तरप्रदेश के संसदीय एवं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थित स्पष्ट हो जाएगी.
सूबे के सुलतानपुर स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्य मंत्री ने कहा कि भाजपा पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर नहीं लडे़गी बल्कि पार्टी के समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे.
एक सवाल के जवाब में आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा पंचायत चुनाव अधिनियम में संशोधन को लेकर कोई विचार-विमर्श नहीं चल रहा है. ग्रामीण विकास के लिए सरकार मुख्य रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, मुख्यमंत्री आवास योजना, मनरेगा एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को प्राथमिकता दे रही है.
शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल में ये चारो योजनाएं संजीवनी बनकर उभरी हैं और पिछले साढ़े तीन वर्ष में प्रदेश में 14 लाख 61 हजार प्रधानमंत्री आवास बनाये गये हैं. उन्होंने बताया कि राज्य आजीविका मिशन के तहत तीन लाख 94 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है.
वोटर लिस्ट : इधर उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार के लिए होने वाले मतदान को लेकर वोटर लिस्ट जारी किया जा चुका है. इस बार करीब 12 करोड़ 28 लाख वोटर अपने उम्मीदवारों का चयन करेंगे. सूबे में इस बार होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट के आंकड़े जारी करने का काम किया है. पंचायतों की इस नई वोटर लिस्ट पर नजर डालें तो इसमें कुल 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 वोटर दर्ज दिख रहे हैं.
नई गाइडलाइंस : चुनाव को लेकर जारी नई गाइडलाइंस पर नजर डालें तो पहली बार पंचायत चुनाव में भी निर्वाचन आयोग सख्ती दिखलाते नजर आने वाला है. इस बार उम्मीदवारों को पाई-पाई का हिसाब देना होगा. उम्मीदवारों के प्रचार में खर्च करते वक्त समझदारी दिखानी होगी. आयोग ने चुनावी खर्च की लिमिट बहुत कम करने का काम इस बार किया है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted BY : Amitabh Kumar