UP Panchayat Chunav : यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण लिस्ट का इंतजार कर रहे लोगों के लिए आई यह खबर

UP Panchayat Chunav : उत्‍तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. जानिए कितने चरण में चुनाव हो सकते हैं. आरक्षण को लेकर अपडेट आई है. up panchayat election 2021 latest updates

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2021 11:06 AM
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उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (up panchayat election 2021) होने वाले हैं जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है, लेकिन आरक्षण फार्मूला प्रत्याशियों की मुश्‍क‍िलें बढ़ा रहा है. आरक्षण नए सिरे से हो या चक्रानुक्रम, यह फैसला अब सूबे की योगी सरकार को लेना है. जानाकरी के अनुसार क्षेत्र और जिला पंचायतों में आरक्षण शून्य करने जबकि ग्राम सभाओं में चक्रानुक्रम लागू किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है. फिलहाल नई आरक्षण सूची के लिए उम्मीदवारों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है.

सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज नजर आ रहीं हैं. अब गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए आने वाली आरक्षण सूची का इंतजार उम्मीदवार कर रहे हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि 15 फरवरी तक इस संबंध में बातें क्लियर हो पाएंगी. करीब एक पखवाड़े के बाद यह तय हो पाएगा कि कौन से वार्ड और ग्राम सभा में किस जाति के लिए चुनाव लड़ने को सीट अरक्षित करने का काम किया गया है.

आपको बता दें कि अभी तक आरक्षण लिस्ट के संबंध में कोई भी सूचना जारी नहीं की गई है. आरक्षण को लेकर अभी तक सरकार में बैठकों का दौर जारी है. फरवरी में ही स्थिति साफ हो पाएगी कि किस सीट पर कौन चुनाव लड़के के काबिल है. आरक्षण सूची के संबंध में उत्तरप्रदेश के संसदीय एवं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने पिछले दिनों कहा था कि त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थित स्‍पष्‍ट हो जाएगी.

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आरक्षण शून्य करने का मामला : पंचायतों में आरक्षण की उलझन के बारे में आपको बताते हैं. दरअसल साल 2015 में ग्राम पंचायतों में आरक्षण शून्य किया गया था. यहीं वजह है कि उम्मीदवारों की उलझन बढ़ गई है. आरक्षण शून्य करने का मतलब ग्राम पंचायतों में नए सिरे से आरक्षण लागू किया जाएगा. साल 2000 में हुए आरक्षण का चक्र आगे बढ़ाने का काम नहीं किया जाएगा.

आरक्षण सूची का इंतजार क्यों जानें : यहां चर्चा कर दें कि इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले लोग आरक्षण सूची का इंतजार कर रहे हैं. इसकी वजह हम आपको बताते हैं. दरअसल इसी के आधार पर तय होगा कि किस जाति का उम्मीदवार किस गांव में अपनी दावेदारी करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि गांव यदि आरक्षण के दायरे में आता है तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएंगे. यदि गांव महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया तो वहां से कोई पुरुष पर्चा भरने में सक्षम नहीं होगा.

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