यूपी पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर लगाम लगाने के लिए अब हाइटेक तरीके अपना रही है. लखनऊ पुलिस ने शहर के सार्वजनिक स्थानों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता(Artificial Inteligence, AI) से लैस कैमरे इंस्टॉल किये हैं. यह ऐसे कैमरे हैं जो महिलाओं को चेहरे के हाव भाव को देखकर अपने नजदीकी पुुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट करेगा. महिलाओं के चेहरे के हाव भाव के जरिये यह पता लग पायेगा की वह महिला किसी प्रकार की छेड़खानी का शिकार तो नहीं हुई है, या कोई उनका पीछा तो नहीं कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम के तहत बनाये गये योजना के अनुसार एआई-इनेबल्ड कैमरा संकट में महिलाओं की तस्वीरें क्लिक करेगा और इसे कंट्रोल रूम को भेजेगा, जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पुलिस द्वारा लखनऊ की प्रमुख सड़कों और चौकों पर पैनिक बटन भी लगाए जाएंगे. जब भी कई महिला संकट में होगी तो उसे इस बटन को दबाना होगा, इसके बाद उसे त्वरित मदद दी जायेगी.
लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संकट में महिला के भाव बदलते ही सतर्कता आ जाएगी. इससे पहले कि वह फोन निकाल सके और मदद के लिए 100 या यूपी 112 डायल करे, एक अलर्ट पुलिस तक पहुंच जाएगा.द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार , डीके ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने 200 हॉटस्पॉट की पहचान की है, जहां महिलाओं की आवाजाही अधिकतम है और जहां सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं.
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सरकार द्वारा उठाये जा रहे इस कदम पर सामाजिक कार्यकर्ता और समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता सुमैया राणा ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार को रोकने के लिए न तो कदम उठाए जा रहे हैं और न ही अपराधियों को दंडित किया जा रहा है, बल्कि एआई-सक्षम कैमरे लगाकर एक दिखावा किया जा रहा है कि सरकार महिला सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है.
सुमैया राणा ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं अब सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. उन्होंने कहा, ” सरकार अपराध रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही हैं और न ही उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जो अपराध कर रहे हैं. अब, सरकार और पुलिस इस नये विचार के साथ आयी है कि महिलाओं के चेहरे के भावों को पढ़ने के लिए एआई कैमरे लगाये जायें. पर इससे कुछ नहीं . यह सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश है. उन महिलाओं की मदद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है जो पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने के लिए आती हैं लेकिन वे सड़कों पर महिलाओं की अभिव्यक्ति के आधार पर कार्रवाई करेंगी.
Posted By: Pawan Singh