Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर फिर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार में पेपर आउट होना और आरक्षण से खिलवाड़ होना होना आम बात है. संस्थानों में गलत लोगों को बिठा देने का काम हो रहा है. एकेटीयू और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी नियुक्तियां गलत तरीके से की गई हैं. हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को अभी संविधान की मूलभावना को ही समझना है. भारतीय जनता पार्टी लगातार लोकतंत्र, समाजवाद और सेक्यूलरिज्म पर हमला करके, इसे बर्बाद कर रही है. हम चाहते हैं कि मुख्य मुद्दों पर चर्चा हो पर बीजेपी असल मुद्दों से भटकाना चाहती है. वह लोगों को गुमराह करती रहती है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डॉ. लोहिया को पढ़ने की सीख दे रहे हैं. लेकिन बहस इस पर नहीं है कि किसी विचारधारा को जानता हूं या नहीं जानता हूँ, नेता सदन समाजवादी पेंशन को समाजवादी पार्टी की पेंशन समझ रहे थे. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी पर अखिलेश यादव ने कहा कि 10 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट अगर होता तो सभी को दिखाई देगा.
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बजट को लेकर सिर्फ आंकड़ों से खेल रही है. भाजपा सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी से कम इंवेस्टमेंट आया है. जमीन पर कुछ उतरे तब विकास माना जाएगा. उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार जनित महंगाई ने आम जनता के जीवनयापन में चुनौती खड़ी कर दी है.
थाली से लेकर रोजी-रोजगार, काम-कारोबार, परिवहन, दवाई-पढ़ाई सब कुछ महंगाई से बुरी तरह प्रभावित है. भाजपा राज में डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस सभी के दाम बढ़ने से घरेलू अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है. मध्यमवर्ग इसका बुरी तरह शिकार हुआ है. किसान को खाद, बिजली, कीटनाशक, बीज सभी कुछ महंगे दामों पर मिल रहा है.
महंगाई के कारण खेती की लागत भी नहीं निकल रही है. खेती घाटे में हमेशा से रही है. भाजपा सरकार ने इसे और महंगा तथा घाटे का सौदा बना दिया है. सदन के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावों की असलियत बताते हुए कहा कि प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा बद-से-बदतर स्थिति में पहुंच गई है.
महोबा में एंबुलेंस न मिलने से अपनी पत्नी को ठेले पर लादकर चरखारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पति का दृश्य विचलित करता है. अंबेडकरनगर में जहांगीरगंज सीएचसी में 6 माह से खून व एक्सरे जांच ठप होने के कारण लोग परेशान है. मरीज बाहर से महंगी जांच कराने के लिए मजबूर है.
सोनभद्र जिला अस्पताल में स्टाफ की कमी है. 295 दवाएं होनी चाहिए, जबकि है सिर्फ 71 दवाएं ही मौजूद हैं. लखनऊ के प्रतिष्ठित केजीएमयू में भी मरीज दवाओं के लिये परेशान हैं. भाजपा सरकार की चालाकी यह है कि जो काम पहले हो गए या होने वाले हैं सबको अपनी उपलब्धि सूची में डाल लेती हैं.